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2/21/20

संग तेरे समय का पता ना चला... By:-हरे कृष्ण प्रकाश

   संग तेरे समय का पता ना चला.., 
              घंटों बीत गए संग पर कुछ पल ही लगा..!
                 नई रचना :- प्रेम गीत
          "संग तेरे समय का पता ना चला.."

           प्रेम करने की जिद, नही था मगर
          प्रेम ही जिंदगी की, गीत बन गई।। 1 
       
        हरदिन मिलने की जिद, नही था मगर, 
        सुबह शाम मिलने की, रीत बन गई।। 2
              प्रेम करने की जिद, नही ... ...

       सुना सुना सा था, ये दिल कोरा सा था,
       प्रेम की ये भाषा, अब तुमने सिखला दिया।।3

         साथ चलने की जिद, नही था मगर,
         साथ चलना ही मेरी, जिंदगी बन गई।।
               प्रेम करने की जिद....  ...

      हजारों के भीड़ में भी, जब मैं चलता रहा, 
     अपनी निगाहों से उन्हें ही, हरपल ढूंढता रहा।। 4

         साथ चलने की जिद, नही था मगर,
         साथ चलना ही मेरी, जिंदगी बन गई।।
              प्रेम करने की जिद... ....

           संग तेरे समय का, भी पता ना चला,
     घंटों बीत गए संग, पर कुछ पल ही लगा।।5

          साथ चलने की जिद, नही था मगर,
         साथ चलना ही मेरी, जिंदगी बन गई।।
                 प्रेम करने की... ....
-               हरदिन मिलने की जिद... ...

         साथ चलने की जिद, नही था मगर,
         साथ चलना ही मेरी, जिंदगी बन गई।।
                   ✍️ ✍️ हरे कृष्ण प्रकाश 
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              By:- हरे कृष्ण प्रकाश

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