शीर्षक :- ये जो दुख की घड़ी है
ये जो दुख की घड़ी है,
सबको झेलना पड़ेगा,
आज है ये पल जो,
कल इसे जाना पड़ेगा।।
अपनों की ही खुशी के लिए ,
खुद के ही घर में,
खुद बन्द रहना पड़ेगा।।
ये जो दुख की घड़ी है,
सबको झेलना पड़ेगा।।
आज है ये पल जो,
कल इसे जाना पड़ेगा।।
संकट की इस घड़ी में,
जिनके पांव हैं खड़े,
फिर भी जन-जन को बचाने में,
दिनरात वो हैं लगे,
ऐसे सिपाही,
स्वास्थ्यकर्मी को मेरा प्रणाम,
उनके जज़्बे को मेरा सलाम,
उनके जज़्बे को मेरा सलाम।।
ये जो दुख की घड़ी है,
सबको झेलना पड़ेगा।।
आज है ये पल जो,
कल इसे जाना पड़ेगा।।
✍️ #हरे_कृष्ण_प्रकाश
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By:- हरे कृष्ण प्रकाश
अतिसुन्दर
ReplyDeleteसप्रेम आभार
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