5/25/20

सांसे अपनी वतन पर मैं लुटाऊंगा By:- अंशिका मिश्रा

सांसे अपनी वतन पर मैं लुटाऊंगा By:- अंशिका मिश्रा
Sahitya Aajkal:- हरे कृष्ण प्रकाश (युवा कवि)
💞 Sahitya Aajkal  Youtube Channel link plz Subscribe 💞👇

     महान सैनिक
चिट्ठी जो आई माता की,
तो फिर से वही सवाल था
अक्सर फोन खतों में जिस पर,
होता रोज बवाल था।
बेटा वापस आएगा कब?
हर बार माँ पूछा करती थी।
मुश्किल में पड़ जाऊंगा मैं,
इसी बात से डरती थी।।

कहती थी मुझसे कि,
कैसा यह भाग्य प्रतिशोध है,
पुत्र वीर होते हुए,
आज सूनी मेरी गोद है,
हाथों में तो बहनों ने भी,
नाराजगी जताई थी।।
खबर मेरी ना थी कोई,
जब घड़ी राखी की आई थी।।

कहती थी आओगे जब,
तो बात ना कोई सुनाऊंगी,
अगले ही पल कहती थी,
भाई तुम बिन ना रह पाऊंगी,
पिताजी ने भी पूछा था,
कब घड़ी लौटने की आएगी,
सेहरा तेरा तैयार है,
डोली भी फिर उठ जाएगी।।

अब जब छल्ली हूं गोली से,
तो ज्यादा ना जी पाऊंगा
परिवार को भूलकर सांसे
अपनी वतन पर मैं लुटाऊंगा।।
           ✍️  अंशिका मिश्रा
              अलीगढ़ उत्तरप्रदेश


💞 Sahitya Aajkal 💞
         हरे कृष्ण प्रकाश 
         पूर्णियाँ, बिहार
        7562026066
नोट:- सभी कविताएँ साहित्य आजकल के youtube पर अपलोड कर दी जाएगी।

Youtube Channel link--  Sahitya Aajkal  plz Subscribe Now 
https://www.youtube.com/channel/UClgT-IA2azYIjv86gDYHXnA



आप सभी से अनुरोध है कि हमारे इस प्रयास में अपना योगदान दे! अगर आप को लगता है कि आप अच्छा लिखते हैं या आप अपने आस पास किसी भी व्यक्ति को जानते हो जो अच्छा लिखते हैं, उन्हें हमारे वेबसाइट के बारे में ज़रूर बताएं साथ ही Sahitya aajkal के यूट्यूब से जुड़ें।

No comments:

Post a Comment