कोरोना आई लव यू By:- हरे राम प्रकाश
शीर्षक:-कोरोना आई लव यू
समय के साथ सभी को चलना होगा,
प्रणय के रंगों में खुद को ढालना होगा,
ईर्ष्या, द्वेष कलह करने से क्या होगा,
कोरोना को आई लव यू कहना होगा,
कोरोना को आई लव यू कहना होगा।।
हयात के सुगम पथ पर विकट समय में,
दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ना होगा।
वर्तमान परिस्थितियों से डर कर क्या होगा?
अब तो कोरोना को आई लव यू कहना होगा,
जी कोरोना को आई लव यू कहना होगा!!
ऐ कोरोना, यार सुन ना मेरी एक बात...
चीन ने तुझको जन्म दिया फिर भगा दिया,
दर दर की ठोकरे खाई तुमने ना जाने क्यों?
हर देश को छवि दिखाई तुमने ना जाने क्यों?
जो भी हो आरजू तेरी खैर
तूझे तो अब रुकना हीं होगा,
हर क्षण सम्भल कर हमलोगों को चलना होगा,
अब तो कोरोना को आई लव यू कहना होगा,
जी कोरोना को आई लव यू कहना होगा!!
बदलकर तुमने अपनी रंग रूप,
किया है सारा जग को लाचार,
काट टिकट जीवन की तुमने,
लगा दिया है लाशों का अंबार,
सुरसा जैसा रूप तुम्हें त्यागना होगा,
अपने स्वदेश लौट कर तुम्हें तो जाना होगा।।
ऐ कोरोना सुन ले तू जरा ध्यान से,
डॉक्टर, नर्स, पुलिस और वैज्ञानिकों ने,
अपनी प्यारी दुनियाँ छोड़कर,
बस तेरे पीछे हीं है वक्त लगाया।
कम से कम तो रिपोर्टर की सुनले तू,
जिसने तेरे लिए अपनी जान भी खतरे में डाला,
इतना स्नेह पाकर कोरोना तुझको भी,
सबों को आई लव यू कहते अलविदा होना होगा।
भारत छोड़कर तुम्हें तो अब जाना हीं होगा।।
✍️ हरे राम प्रकाश
पूर्णियाँ, बिहार
Sahitya Aajkal:- हरे कृष्ण प्रकाश (युवा कवि)
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शीर्षक:-कोरोना आई लव यू
समय के साथ सभी को चलना होगा,
प्रणय के रंगों में खुद को ढालना होगा,
ईर्ष्या, द्वेष कलह करने से क्या होगा,
कोरोना को आई लव यू कहना होगा,
कोरोना को आई लव यू कहना होगा।।
हयात के सुगम पथ पर विकट समय में,
दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ना होगा।
वर्तमान परिस्थितियों से डर कर क्या होगा?
अब तो कोरोना को आई लव यू कहना होगा,
जी कोरोना को आई लव यू कहना होगा!!
ऐ कोरोना, यार सुन ना मेरी एक बात...
चीन ने तुझको जन्म दिया फिर भगा दिया,
दर दर की ठोकरे खाई तुमने ना जाने क्यों?
हर देश को छवि दिखाई तुमने ना जाने क्यों?
जो भी हो आरजू तेरी खैर
तूझे तो अब रुकना हीं होगा,
हर क्षण सम्भल कर हमलोगों को चलना होगा,
अब तो कोरोना को आई लव यू कहना होगा,
जी कोरोना को आई लव यू कहना होगा!!
बदलकर तुमने अपनी रंग रूप,
किया है सारा जग को लाचार,
काट टिकट जीवन की तुमने,
लगा दिया है लाशों का अंबार,
सुरसा जैसा रूप तुम्हें त्यागना होगा,
अपने स्वदेश लौट कर तुम्हें तो जाना होगा।।
ऐ कोरोना सुन ले तू जरा ध्यान से,
डॉक्टर, नर्स, पुलिस और वैज्ञानिकों ने,
अपनी प्यारी दुनियाँ छोड़कर,
बस तेरे पीछे हीं है वक्त लगाया।
कम से कम तो रिपोर्टर की सुनले तू,
जिसने तेरे लिए अपनी जान भी खतरे में डाला,
इतना स्नेह पाकर कोरोना तुझको भी,
सबों को आई लव यू कहते अलविदा होना होगा।
भारत छोड़कर तुम्हें तो अब जाना हीं होगा।।
✍️ हरे राम प्रकाश
पूर्णियाँ, बिहार
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हरे कृष्ण प्रकाश
पूर्णियाँ, बिहार
7562026066
नोट:- सभी कविताएँ साहित्य आजकल के youtube पर अपलोड कर दी जाएगी।
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