विशेष जानकारी पाएं

5/30/20

मजदूर की व्यथा-कथा - By:- डा. के. के. चौधरी

मजदूर की व्यथा-कथा - By:- डा. के. के. चौधरी
Sahitya Aajkal:- हरे कृष्ण प्रकाश (युवा कवि)
💞 Sahitya Aajkal  Youtube Channel link plz Subscribe 💞👇

शीर्षक:- मजदूर की व्यथा-कथा -

तुम सितार के तार  बजा कर, नित खुद का मन बहलाते।
हम मिहनत-कश अब घाम बहा, हीरे मोती उपजाते।

तुम सोते सुख महलों में, अपनों से लिपटे-सिमटे।
हम भूमि बिछा आकाश ओढ़, रहते सबसे हिलमिल के।

जीवन का उद्देश्य फकत क्या, खुद को ही सुखी बनाना?
या फिर औरों के सुख-दुख में, मिल स्नेहिल-दीप जलाना?

अनमोल बड़ा मानव जीवन, मालिक की दया निराली।
इस नेमत का मूल्य न समझे, समझो वही मवाली।

खुद खाते तुम मौज मनाते, दूजे को देख न पाते
दु:खियों के दुख के भीतर तुम, अब झांक कभी न पाते।

बड़े भाग मानुष तन पावा, गोस्वामी जी भी बोले।
बड़ा अभागा है वह मानव, जो मर्म न इसका खोले

अब तुम समझो याकि ना समझो, यह कलमकार का मत है।
दीन दुखी के आँसू में ही, वो राम रहीम बसत है।
                   ✍️ डा. के. के. चौधरी
                            पूर्णियाँ, बिहार
           


Sahitya Aajkal 💞 .                                   
         हरे कृष्ण प्रकाश 
         पूर्णियाँ, बिहार
        7562026066
नोट:- सभी कविताएँ साहित्य आजकल के youtube पर अपलोड कर दी जाएगी।

Youtube Channel link--  Sahitya Aajkal  plz Subscribe Now 
https://www.youtube.com/channel/UClgT-IA2azYIjv86gDYHXnA



आप सभी से अनुरोध है कि हमारे इस प्रयास में अपना योगदान दे! अगर आप को लगता है कि आप अच्छा लिखते हैं या आप अपने आस पास किसी भी व्यक्ति को जानते हो जो अच्छा लिखते हैं, उन्हें हमारे वेबसाइट के बारे में ज़रूर बताएं साथ ही Sahitya aajkal के यूट्यूब से जुड़ें।

11 comments:

  1. आम जीवन परन्तु खास समुदाय का भावपूर्ण अभिव्यक्तिकरण ।

    ReplyDelete
  2. मुझे इस टिम से जुडकर बहुत खुशी हो रही है।
    कवि शायर सुफियान सिद्दीकी अररिया बिहार से।

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका बहुत बहुत आभार प्रिय बंधुवर सह ढेरों शुभकामनाएं

      Delete
  3. अच्छी कविता।अगर रचना में मात्रा दोष को दूर कर दिया जाए तो पाठकों को सोने में सुगंध की अनुभूति होगी और यह कविता गेय हो जाएगी!

    ReplyDelete
    Replies
    1. सप्रेम आभार साथ ही सभी त्रुटि को सफलतापूर्वक सुधार लिया गया है।

      Delete
  4. मात्रा दोष सुधार दिया गया है।16-14 पर निर्धारित है।सभी प्रबुद्ध साहित्यिक टिप्पणीकारों का सहृदय अभिनंदन!साभार!

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत बधाई सर

      Delete
  5. सुन्दर, अन्तर्मन को स्पर्श करती रचना. बधाई आदरणीय

    ReplyDelete