9/13/20

पिटारा रिश्तों का By:- मधु वैष्णव"मान्या

Sahitya Aajkal:- एक लोकप्रिय साहित्यिक मंच 👇💞 Sahitya Aajkal  Youtube Channel link plz Subscribe 💞👇https://www.youtube.com/channel/UClgT-IA2azYIjv86gDYHXnA


      ।। शिकार।।

पिटारा रिश्तों का बंद ही रखा है हमने,

खुलते ही जाने कितना वहम निकलेगा।

मुंसिफ बन तफ़्तीश का मजा लेते हैं सब,

हर शख्स इन आंखों से गुनहगार निकलेगा।

रोक रहे राहें हमारी बनकर सब अदु* यहां

हौसला देखना हमारा बेशुमार निकलेगा।

फरेब ने बना लिया है एहसासों में जाल,

मधु ... ...हर इंसा यहां शिकार निकलेगा।

        ✍️ मधु वैष्णव"मान्या"

              जोधपुर राजस्थान

यदि आप अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो Whatsapp video करें 7562026066


Youtube Channel link--  Sahitya Aajkal  plz Subscribe Now 

https://www.youtube.com/channel/UClgT-IA2azYIjv86gDYHXnA


आप सभी से अनुरोध है कि हमारे इस प्रयास में अपना योगदान दे! अगर आप को लगता है कि आप अच्छा लिखते हैं या आप अपने आस पास किसी भी व्यक्ति को जानते हो जो अच्छा लिखते हैं, उन्हें हमारे वेबसाइट के बारे में ज़रूर बताएं साथ ही Sahitya aajkal के यूट्यूब से जुड़ें।


*साहित्य को आगे बढ़ाने के लिए साहित्य आजकल दृढ़ संकल्पित होकर सभी रचनाकारों को अपनी प्रतिभा दुनियाँ के सामने लाने के लिए अवसर प्रदान करती है। यदि आप अपनी प्रस्तुति देना चाहते हैं तो अपनी वीडियो वाट्सएप करें- 7562026066*

    धन्यवाद


2 comments:

  1. सुन्दर भावपूर्ण कविता के लिए आदरणीया को सहृदय बधाई तथा अनंत मंगलकामना!

    ReplyDelete