Sahitya Aajkal:- एक लोकप्रिय साहित्यिक मंच 👇💞 Sahitya Aajkal Youtube Channel link plz Subscribe 💞👇https://www.youtube.com/channel/UClgT-IA2azYIjv86gDYHXn
शीर्षक:-जब धरा पर बिछी अंगारे हों By:- हरे कृष्ण प्रकाश
अपने देश को सुरक्षित करने में,
अपने पथ पर चलने में,
बाधाएं आती हैं तो आएं,
सर पर पहाड़ टूटे तो टूट जाएं।।
जब धरा पर बिछी अंगारे हों,
तब भी अपने पांव में ना छाले हों,
तब भी अपने पांव में ना छाले हों
जब धरा पर बिछी अंगारे हों।।
परिस्थितियों से अब ना घबराना होगा,
डटकर हमें उसका सामना करना होगा,
बढ़ते कदमों को और द्रुतगति देना होगा,
हँसते हँसते बाधाओं से लड़ना होगा।।
कदम से कदम मिलाकर,
एक दूजे के साथ चलना होगा,
जब धरा पर बिछी अंगारे हों,
तब भी अपने पांव में ना छाले हों।।
✍️@ हरे कृष्ण प्रकाश
( पूर्णियाँ, बिहार)
यदि आप अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो Whatsapp video करें 7562026066
Youtube Channel link-- Sahitya Aajkal plz Subscribe Now
आप सभी से अनुरोध है कि हमारे इस प्रयास में अपना योगदान दे! अगर आप को लगता है कि आप अच्छा लिखते हैं या आप अपने आस पास किसी भी व्यक्ति को जानते हो जो अच्छा लिखते हैं, उन्हें हमारे वेबसाइट के बारे में ज़रूर बताएं साथ ही Sahitya aajkal के यूट्यूब से जुड़ें।
*साहित्य को आगे बढ़ाने के लिए साहित्य आजकल दृढ़ संकल्पित होकर सभी रचनाकारों को अपनी प्रतिभा दुनियाँ के सामने लाने के लिए अवसर प्रदान करती है। यदि आप अपनी प्रस्तुति देना चाहते हैं तो अपनी वीडियो वाट्सएप करें- 7562026066*
धन्यवाद
No comments:
Post a Comment