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10/19/20

सियासी लोग इस हद तक By:- सुखवीर चौधरी

सियासी लोग इस हद तक By:- सुखवीर चौधरी
             "सियासी लोग इस हद तक"
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ग़ज़ल : -

सियासी लोग इस हद तक यहाँ गिरने लगे अब तो,
नगर, गलियां यहाँ दंगों में सब जलने लगे अब तो ।


हमारे गांव की तस्वीर भी बिगड़ी हुई है अब ,
नहर, नदियाँ, गली-कूँचे सभी घिरने लगे अब तो।


किसी बाबा को पैसे की ज़रूरत थी नहीं पहले,
मगर पैसों पे बाबा लोग भी मरने लगे अब तो।


ज़माने भर में दारू को बुरी शय लोग कहते हैं,
मगर सरकारी ख़र्चे दारू से चलने लगे अब तो।


हमारे और उनके बीच अब ऐसे मरासिम हैं ,
हमें अपना उदू हर बात पर कहने लगे अब तो।


कहा जाता था पैसों से तो बस  सामान मिलता है,
मगर इन्सानों के ईमान भी बिकने लगे अब तो।


                    ✍️  सुखवीर चौधरी 
                        मथुरा (उत्तर प्रदेश )

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    धन्यवाद


3 comments:

  1. लाजवाब गजल के लिए बहुत-बहुत बधाई आदरणीय!

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    Replies
    1. तहेदिल से शुक्रिया

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  2. बहुत ही सुन्दर गज़ल
    आज का चित्रण

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