3/29/21

मैं होली खेलन तेरे दर आयी- By- राघव सांकृत्यायन

मैं होली खेलन तेरे दर आयी- By- राघव सांकृत्यायन

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रंग डारो सांवरे तुम मुझ पर ,

मैं होली खेलन तेरे दर आयी।

तेरे दर आयी मैं, तेरे घर आयी-२

रंग डारो सांवरे तुम मुझ पर,

मैं होली खेलन तेरे दर आयी।

पहले रंग दे मोहे श्याम रंग से

ताकि दुजो रंग न चढ़े मेरो अंग पे-२

कोई और न, कोई और रंग न चढ पावे,

मैं होली खेलन को तेरे दर आयी।

पहले रंग दे मेरे सुंदर से मुखड़े को,

जो भटकावे मोहे सारे तृषा जगत में,-२

मोहे अपने-२,रंग में में रंगाय दो,

मैं होली खेलन तेरे दर आयी।

रंग डारो सांवरे तुम मुझ पर,

मैं होली खेलन तेरे दर आयी।

ऐसों रंग से मोहे  रंग दो ऐ सांवरे

जनम बीत जाए पर रंग नहीं छुटे,-२

मेरो जन्म जन्म -जन्म के पाप मिटाय दो

मैं होली खेलन तेरे दर आयी।

मोहे अपने अंग में लगाय लो

मैं होली खेलन तेरे दर आयी।

रंग डारो सांवरे तुम मुझ पर,

मैं होली खेलन तेरे दर आयी।

 ✍️ राघव सांकृत्यायन खगड़िया

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