5/30/21

मुझे सीने से लगा कर के मां :- रवि शंकर कांगड़ा

 मुझे सीने से लगा कर के मां :- रवि शंकर कांगड़ा


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मुझे सीने से लगा कर के मां :- रवि शंकर कांगड़ा

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

               थोड़ा सा करार दे दो|

ठुकराया जगत ने मुझको,

                थोड़ा सा प्यार दे दो||


मेरे जीवन की मां,

        एक तू ही निर्माता है |

तेरे चरणों के आगे मां,

           कुछ नहीं विधाता है||


 होठो पे मेरे मां ,

       हंसी की फुहार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

         थोड़ा सा करार दे दो ||


जीवन तन्हा है मा, 

   आओ तुझसे बात करूंगा|

एक बार आ जाओ मां,

      मैं तुम्हारी इवादत करूंगा ||


आकर के पास मेरे मां,

            मुझको दिदार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

            थोड़ा सा करार दे दो||


मेरी जिंदगी की सुन लो मां,

             यह बेबसी |

दुनिया ने छीन ली है मां ,

           मेरे होठों की हंसी ||


तु गुलशन बनकर के मां ,

         मुझे थोड़ी बहार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

           थोड़ा सा करार दे दो||


यह घर सूना सूना है,

        छोड़कर तेरे चरण |

मैं कहां जाऊं मां,

       मांगने किसी की शरण||


आ गया हू दर तेरे ,

       मुझे अपना दरबार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

          थोड़ा सा करार दे दो ||


मेरे गीतों का मां ,

       तुझे स्वर बना लुगा|

तेरी तस्वीरों को मां,

      मैं दिल में बसा लूंगा||


 महका करके जीवन मेरा,

         थोड़ी सी गुलजार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

            थोड़ा सा करार दे दो|


मैं नंगा पाव दौड़ा मां ,

       जब तूने किया इसारा|

खुदा से भी ज्यादा,

        तुझे लगता हूं प्यारा||


छुपा कर के आंचल में,

       मुझे बाहों का हार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

         थोड़ा सा करार दे दो|


जब भी देखा मां तुने ,

  मेरे होठों पर खिली मुस्कान हैं | 

तेरे कारण ही तो मां ,

       जीने का जगा अरमान है||


मुझको वात्सलय का, 

       थोड़ा सा उद्गार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

       थोड़ा सा करार दे दो ||


ना बचपन मिलता मां ,

       ना मिलता जन्म है|

इस जीवन का तो मां ,

          तेरे कारण मर्म है ||


जीना सिखा दो मां,

     मुझे जिंदगी का सार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

          थोड़ा सा करार दे दो ||


कितना सुंदर लगता मां ,

        तेरा यह मुखड़ा भोला|

रव हल्का हो गया मां ,

        जब भी तेरा प्यार तोला ||


 हर बार जन्म लूं तेरी गोद से,

           मुझे ऐसा अधिकार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

               थोड़ा सा करार दे दो||


तुझे रव बना कर पूजा है,

                       मां मेरे मन में |

मुझे निखारने की शक्ति मां,

                    छिपी तेरे तन में ||


इतना सवारों मुझको मां ,

        मेरे जीवन को निखार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

              थोड़ा सा करार दे दो||


हर बात पहचान लेती हो,

              मेरी धड़कनों की|

हर कहानी याद तुझे ,

   मेरे बचपन अलहडपनो की ||


सदा तेरी कोख से जन्मु मां,

            मुझे एसा हकदार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

            थोड़ा सा करार दे दो ||


मेरे जीवन में खुशियां ,

             मां तेरे कारण से हैं |

सुंदर सृष्टि का निर्माण,

      तेरे अवतार धारण से हैं ||


आंचल से लिपटी खुशियां,

                    मुझे बेशुमार दे दो|

मुझे सीने से लगा कर के मां ,

               थोड़ा सा करार दे दो ||

        ✍️  रवि शंकर कांगड़ा

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