मुझे सीने से लगा कर के मां :- रवि शंकर कांगड़ा
मुझे सीने से लगा कर के मां :- रवि शंकर कांगड़ा
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो|
ठुकराया जगत ने मुझको,
थोड़ा सा प्यार दे दो||
मेरे जीवन की मां,
एक तू ही निर्माता है |
तेरे चरणों के आगे मां,
कुछ नहीं विधाता है||
होठो पे मेरे मां ,
हंसी की फुहार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो ||
जीवन तन्हा है मा,
आओ तुझसे बात करूंगा|
एक बार आ जाओ मां,
मैं तुम्हारी इवादत करूंगा ||
आकर के पास मेरे मां,
मुझको दिदार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो||
मेरी जिंदगी की सुन लो मां,
यह बेबसी |
दुनिया ने छीन ली है मां ,
मेरे होठों की हंसी ||
तु गुलशन बनकर के मां ,
मुझे थोड़ी बहार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो||
यह घर सूना सूना है,
छोड़कर तेरे चरण |
मैं कहां जाऊं मां,
मांगने किसी की शरण||
आ गया हू दर तेरे ,
मुझे अपना दरबार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो ||
मेरे गीतों का मां ,
तुझे स्वर बना लुगा|
तेरी तस्वीरों को मां,
मैं दिल में बसा लूंगा||
महका करके जीवन मेरा,
थोड़ी सी गुलजार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो|
मैं नंगा पाव दौड़ा मां ,
जब तूने किया इसारा|
खुदा से भी ज्यादा,
तुझे लगता हूं प्यारा||
छुपा कर के आंचल में,
मुझे बाहों का हार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो|
जब भी देखा मां तुने ,
मेरे होठों पर खिली मुस्कान हैं |
तेरे कारण ही तो मां ,
जीने का जगा अरमान है||
मुझको वात्सलय का,
थोड़ा सा उद्गार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो ||
ना बचपन मिलता मां ,
ना मिलता जन्म है|
इस जीवन का तो मां ,
तेरे कारण मर्म है ||
जीना सिखा दो मां,
मुझे जिंदगी का सार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो ||
कितना सुंदर लगता मां ,
तेरा यह मुखड़ा भोला|
रव हल्का हो गया मां ,
जब भी तेरा प्यार तोला ||
हर बार जन्म लूं तेरी गोद से,
मुझे ऐसा अधिकार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो||
तुझे रव बना कर पूजा है,
मां मेरे मन में |
मुझे निखारने की शक्ति मां,
छिपी तेरे तन में ||
इतना सवारों मुझको मां ,
मेरे जीवन को निखार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो||
हर बात पहचान लेती हो,
मेरी धड़कनों की|
हर कहानी याद तुझे ,
मेरे बचपन अलहडपनो की ||
सदा तेरी कोख से जन्मु मां,
मुझे एसा हकदार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो ||
मेरे जीवन में खुशियां ,
मां तेरे कारण से हैं |
सुंदर सृष्टि का निर्माण,
तेरे अवतार धारण से हैं ||
आंचल से लिपटी खुशियां,
मुझे बेशुमार दे दो|
मुझे सीने से लगा कर के मां ,
थोड़ा सा करार दे दो ||
✍️ रवि शंकर कांगड़ा
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