9/6/21

शिक्षक:- ध्वनि आमेटा



शीर्षक - 'शिक्षक'

डॉक्टर की दवाई तुरंत असर करती है

इंजीनियर की बनाई मंजिलें दिखाई देती है

वकील के दाव - पेंच भी

जरा असर करते हैं

पर मैं तो  हूँ शिक्षक

मेरे बोये गए बीज

धीरे - धीरे नवांकुर में निकलते हैं

धीरे - धीरे टहनियां, पत्ते, डालियां

फिर पौधे से वृक्ष वो बनता है

जो कई लकड़ियां, कई फल - फूल

घनी छाया देता है

कुछ वृक्ष औषधीय बन जाते हैं

वे डॉक्टर कहलाते हैं

कुछ वृक्ष अभियंता बन भवन बनाते हैं

कुछ वृक्ष कागज़ बनकर

जग में प्रकाश फैलाते हैं

मेरे बीज मेरे बालक हैं

मेरा जादू धीरे - धीरे करता है

पर असर ऐसा होता है

देर - दुरस्त सीधा ही

व्यवसाय अलग पाता है

और इस बड़े राष्ट्र का निर्माण होता है।


ध्वनि आमेटा, मु. पो. - ठकरदा

(सागवाड़ा) जिला - डुंगरपुर,

राज्य - राजस्थान


Sahitya Aajkal:- एक लोकप्रिय साहित्यिक मंच 👇💞 Sahitya Aajkal Youtube Channel link plz Subscribe Now ...💞👇Sahitya Aajkal Youtube से जुड़ने के लिए यहाँ click करें

 ...Subscribe Now...


Subscribe Now...


यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

2 comments:

  1. एक आदर्श शिक्षक की अति सुन्दर सार्थक मनभावन कविता के लिए आदरणीया कवयित्री को हृदयतल से बधाई !

    ReplyDelete