11/30/21

जाने कहा गए वो दिन:- कुलदीप सिंह रुहेला




मंगलवार 30/11/2021

विषय ::: जाने कहा गए वो दिन 

विधा   कविता 

मौलिक अप्रकाशित रचना


शीर्षक:-  जाने कहां गए वो दिन


# जीवन की भाग दौड़ का पहिया 

केसे मोड़ पर ले आया है 

सपनो सा गांव भी आज 

बड़ा सुंदर नजर आया है


जहां होते थे कभी चोपालो 

पर लोगो के मेले 

आज उसकी जगह 

इस मोबाइल ने ले ली है


जहां दूर दूर रेगिस्तान सी 

रेत की चादर फैली होती थी

दूर दूर से ग्वालान जब 

मटकी में मटक मटक कर 

पानी लाती थी 


गावो की गलियों में जहां 

गीत रागिनी गाती थी 

चारपाई को बुनती हुई 

कोई ताई नजर आती थी 


गाय भैंस का तबेला अब 

नजर नहीं आता है 

वो चरखा नानी का 

आज बहुत याद आता है


जाने कहा अब वो दिन चले गए 

जहां सारा बचपन याद आता है

जहां सारा बचपन याद आता है,,

यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस व्हाट्सएप नंबर 7562026066 पर मैसेज कर सम्पर्क करें।


कुलदीप सिंह रुहेला

जिला ,सहारनपुर

उत्तर प्रदेश


Sahitya Aajkal:- एक लोकप्रिय साहित्यिक मंच 👇💞 Sahitya Aajkal Youtube Channel link plz Subscribe Now ...💞👇Sahitya Aajkal Youtube से जुड़ने के लिए यहाँ click करें

 ...Subscribe Now... 


यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

Email:- sahityaaajkal9@gmail.com

 Whatsapp:- 7562026066

     संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश

          (पूर्णियां, बिहार)

                           ...Subscribe Now...                                   


1 comment:

  1. बेहतरीन कविता के लिए सहृदय बधाई आदरणीय!

    ReplyDelete