1/19/22

तरुणाई ले रही अंगड़ाई:- मधु अरोरा

 


तरूणाई

तरुणाई ले रही अंगड़ाई

कब आओगे प्रियतम मेरे

रहा निहारुँ तेरी हरदम

अब तो आजा मेरे सजन।

तरुणाई ले रही अंगड़ाई।


मौसम आया मधुर सुहावन

अग्न जिया में लगाए हरदम

तेरे आने की खबर नहीं

मौसम है जी को जला रहा

तरुणाई ले रही अंगड़ाई।


कब आओगे प्रियतम मेरे

 सखियों के साजन है संग 

 मिलन की रुत है पावन

 बताओ तुम ही सजन मेरे

 बागों में बहार भी है

 तरुणाई ले रही अंगड़ाई।

 

 कब आओगे साजन मेरे

 मधुमास है आया प्रियतम

 संदेशा भेजा आने का

 सोलह सिंगार करूंँ मैं साजन

 मन में अति उल्लास लिए

 तरुणाई ले रही अंगड़ाई

 

 आ जाओ प्रियतम मेरे

 बाहों में खो जाऊंँगी

 जीवन तेरे साथ गुजारूँ

 अपना तुझे बनाऊंँगी

 तरुणाई ले रही अंगड़ाई।।

                रचनाकार ✍️

                मधु अरोरा

                19.1.2022








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1 comment:

  1. बेहतरीन मनोहारी रचना के लिए सहृदय बधाई आदरणीया ।

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