सभी को पावन पर्व होली की बहुत बहुत ढ़ाई व ढेरों शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर आज इस आलेख में आप होली पर स्वरिचत एक से बढ़ कर एक रचनाएं पढ़ेंगे । इसमें शामिल रचना के रचनाकारों का नाम है- नेहाल रजा, डॉ कमल किशोर चौधरी, हरे कृष्ण प्रकाश, नीतू रानी डॉ. इन्दु कुमारी, एम.एल. नत्थानी, श्रीमती राधा दुबे,डॉ दीनानाथ मिश्र, चेतना अग्रवाल, रामसाय श्रीवास "राम", चेतना चितेरी, नीलम रानी गुप्ता, होरीलाल, कवि शलभ। सभी को पुनः साहित्य आजकल टीम की ओर से बहुत बहुत बधाई । सभी की रचनाओँ को पढ़ें व टिपण्णी दें।
होली
होली पर्व है,
रंग गुलाल का,
हँसी खुशी का,
मौज-मस्ती का।।
होली पर्व है,
अन्याय पर न्याय का,
प्रेम-भाईचारा का,
शांति व सौहार्द का।।
होली पर्व है,
जीजा-शाली का,
देवर भाभी का,
कृष्ण-गोपियों का।।
होली पर्व है,
पुआ पकवान का,
सच्चाई एकता का,
धार्मिक राष्ट्रीयता का।।
कवि- नेहाल रजा
(पूर्णियां बिहार)
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
होली के मौके पर पेश-ए-खिदमत है एक मुक्तक
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'उत्स हमारा मंद हुआ है,आहत अब हमजोली रे!
'फीकी' हुई 'उमंगें' सारी;अब 'उदास' 'रंगोली' रे!
जीवन' संग रंग थे यारा, सिर्फ ''सखे'' के होने से!
पास नहीं जब तुम हो जानम, कैसे माने 'होली' रे।
मूड'आफ'ना'करना'भाई,घर'से सजके'निकलो'तो,
कभी-कभी'तो'हंस'लें'यारा,समझे यही'ठिठोली'रे।
सतरंगी दुनिया है जानूँ,क्यों करता बदमाशी तू?
अपनी पर मैं आ जाऊं तो, बचे न तेरी चोली रे!!
राम--भरोसे रहना है अब, राह दिखाने वाला वह!
आ रही भंग-रसिया देखो,अपने घर की टोली रे!
रामनाम का डंका बाजे, कौन नहीं बोलेगा अब?
सब्ज-बाग दिखलाते'जाओ,प्यारी जनता'भोली'रे!
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*डा.के.के.चौधरी'वियोगी'-पूर्णिया-बिहार।*
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
शीर्षक:- प्रेम भावों की होली
रंगों की होली, गुलालों की होली,
फूलों की होली, खुशियों की होली,
मथुरा की होली, ब्रज की ये होली
आओ खेलें मिलकर,
प्रेम भावों की होली।। होली है...।।
आओ खेलें मिलकर
प्रेम भावों की होली।। होली है...।।
आओ खेले सब मिलकर ये होली..होली है,
हाथों से खेले, पिचकारियों से खेले,
लाठियों से खेले, लड्डुओं से खेले,
बच्चे भी खेले, बड़े भी खेले
सब खेले जमकर ये होली,
आओ खेलें मिलकर
प्रेम भावों की होली।। होली है...।।
आओ खेले मिलकर ये होली..होली है,
नफरत भुलाकर, रंग लगाता,
रंग लगाकर, खूब जश्न मानता,
अनजानों को भी, अपना बनाता,
फगुआ संग गाकर,
खेले खूब मस्ती में ये होली,
आओ खेलें मिलकर
प्रेम भावों की होली।। होली है...।।
नंदगावँ की होली, बरसाने की होली,
मथुरा की होली, अवध की ये होली,
रंग लगाकर कान्हा, रास रचावे,
राधा संग खेले कान्हा, प्रेम भावों की होली।।
कान्हा की होली, राधा की होली,
सच्चाई की होली विजय की होली,
राधा संग खेले कान्हा, प्रेमभावों की होली।।
आओ खेलें मिलकर,
प्रेम भावों की होली।। होली है...।।
आओ खेले मिलकर प्रेम भावों की होली।
होली है , होली है,
✍️ हरे कृष्ण प्रकाश
(पूर्णियां, बिहार)
होलिका दहन
की अशेष हार्दिक शुभकामनाएं एवं
ढेर सारी बधाइयां
अन्याय पर न्याय की विजय
बुराई पर अच्छाई की जय
असत्य पर सत्य की विजय
धर्म का अधर्म पर विजय
की सीख देते हैं त्योहार
मानव जीवन में तभीं
आती खुशियों की बहार
अभिमान मनुज पर छाता है
पहले विवेक मर जाता है
दानवी प्रवृत्ति हावी हो जाती है
अच्छाई नजर नहीं आती है
होलीका थी बुआ प्रहलाद की
वरदान मिली थी अग्नि देव से
मौत नहीं आ सकती अग्नि में
गलत कामों का विनाश होता है
ऐसा वरदान नाश का कारण
होता है सदियों से सदा सदा
भक्ति बीज ऊपर होती है
सत्य पथ अविचल होती है
कुछ पल को हो सकती है
हताश डगमगाता विश्वास
सत्य की जीत सदा होती है
हिंसा अहिंसा से पराजित होती
होलिका दहन मनुष्य को सीख
दे जाता है जैसा करोगे कर्म
फल मिलकर ही रहता है।
डॉ. इन्दु कुमारी
मधेपुरा बिहार
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
होली पर मेरी स्वरचित रचना (कविता)
**************
विषय-कविता
शीर्षक-होली का त्योहार
*****✍️*****
होली है हिन्दुओं का त्योहार
लोग लगाते हैं एक-दूसरे के गालों में गुलाल,
खाते हैं सब पुआ और खीर
गाते हैं जोगीरा सारा रा रा।
सभी जानते हिरण्यकश्यप का नाम
था वह राक्षस अभिमानी शैतान,
सबको कहता मुझको पूजो
क्योंकि मैं हूँ तुम्हारा भगवान।
हिरण्यकश्यप के डर से थर-थर काँपता था दरबार
उसके पुत्र का नाम था विष्णु भक्त प्रह्लाद,
जिसने नहीं मानी अपने पिता की बात
कहा प्रह्लाद आप मेरे भगवान नहीं हो सकते
सिर्फ आप हैं मेरे बाप।
हिरण्यकश्यप ने जैसे सुनी प्रह्लाद की बात
उसने कहा तेरी ये औकात,
जिसने -जिन्हौंने काटी है मेरी बात
वो इस संसार को छोड़कर चले जाते हैं दूसरे संसार।
हिरण्यकश्यप की थी एक होलिका बहन
जिसको आग में नहीं जलने का मिला था वरदान,
बोला प्रह्लाद को गोदी में लेकर तुम चिता बैठ जाना
तुम नहीं जलोगी बहन जलेगा मेरा प्रह्लाद संतान।
खुशी-खुशी बैठ गई होलिका गोदी में लेकर प्रह्लाद
चारों तरफ से लगा दी गई बने हुए चिते में आग,
होलिका ने की ,दिए हुए ईश्वर के वरदान की अवेहलना
इसीलिए प्रह्लाद नहीं जलकर
होलिका हीं जलकर हो गई राख।
उसी दिन से हम मनाते हैं होली का त्योहार
मिटाकर जाति-छुआछूत भेदभाव और अहंकार,
हम सभी होली मनाते हैं एकसाथ और माता-पिता गुरुजनों से लेते हैं आशीर्वाद।✍️
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नाम -नीतू रानी
स्कूल का नाम-म०वि०सुरीगाॅ॑व
प्रखंड -बायसी जिला-पूर्णियाॅ॑ बिहार।
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
"होली के रंग साहित्य आजकल के संग संग"
"कुंडलियां होली"
(१)
वृंदावन में खेलिएं,चलो रंगीली फाग।
जहां श्याम श्यामा सखी,लुटा रहे अनुराग।।
लुटा रहे अनुराग,खेलते होली लाला।
बाजे ताल मृदंग,नाचती सब ब्रजबाला।।
खूब मचा हुड़दंग,लालसा मेरे मन में।
मूरत अब चल फाग, खेलिएं वृंदावन में।।
(२)
बृज में देखो फाग के,हैं सत रंगिया रंग।
प्रेम भाव में सब रंगे,कृष्ण रंग के संग।।
कृष्ण रंग के संग,रचे सब खेलें होली।
बोलें मीठे बोल,लगाते सुंदर रोली।।
देख मनोरम फाग,प्रेम बृज की रज में।
मूरत को अब जन्म,दीजिए बस बृज में।।
मूरत सिंह यादव प्राथमिक शिक्षक ग्राम लमायचा जिला दतिया मध्य प्रदेश
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
*होलिका दहन*
हिरणकश्यप की थी एक बहन,
आज ही हुआ था उसका दहन।
भक्त प्रह्लाद पिता के यातनाओं को किये सहन,
अग्नि में भस्म हो गई पापी की सहायक बहन।
हिरणाकश्यप का भगवान विष्णु किये संहार तोड़ खम्भा,
सम्पूर्ण संसार यह देख रह गया आश्चर्यचकित एवं अचम्भा।
अच्छाई द्वारा बुराई का हुआ आज ही के दिन संहार,
इसी खुशी में हम मनाते हैं होली का पवित्र ये त्यौहार।
ये ऐसा है भाई-चारे व सौहार्दपूर्ण पवित्र पर्व,
हमें है इस रंगों के त्यौहार का बहुत गर्व।
रचनाकार-कवि वीरेंद्र कुमार यादव
गौरा बस्ती उत्तर-प्रदेश।
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
रंगों की रंगरेली........
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फूलों ने मुस्कराते कहा
मेरे रंगों से होली खेलो
लाल गुलाबी पीत हरा
लिए ही कुंजन में चलो।
फूलों ने इस बार होली
फूलों से खेलने ढानी है
मोरमृदंगी अढखेलियों
का कोई नहीं सानी है ।
रंगों की रंगत बिखेरती
सी ये रंगों की रंगरेली है
प्रकृति प्रिय होली संग
ये फूलों की अठखेली है।
एम.एल. नत्थानी
रायपुर, छत्तीसगढ
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
शीर्षक - रंगीन हुआ बृज सारा
हुआ मन मतवाला
प्रिय ने रंग डाला
बांसुरी की धुन पर
नाचे बृजबाला
रंगीन हुआ बृज सारा
कृष्ण ने सब सखियों को रंग डाला
टेसू के फूल खिले चहुँ ओर
बृज मंडल हुआ भाव विभोर
मेरा मन बहके किस ओर
फाग मास में मिला चित चोर
शुरू हुआ ढोल नगाड़ों का शोर
हुड़दंग मच गई सब ओर
ग्वालिन झूमे जैसे वन मोर
रंगों की वर्षा हुई घनघोर
राधा विनती करें ना डालो अबीर
कृष्ण ठिठोली करें संग ले बलराम वीर
है होली का त्योहार
डालो सब पर अबीर
ग्वाल-वाल हुए तैयार
कान्हा बरसाए रसधार
स्वरचित, मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित
श्रीमती राधा दुबे, जबलपुर, मध्य प्रदेश
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
आओ मिल कर होली खेले
कुछ पल हम दूजे मे जी ले ।
राग-द्वेष -पाखण्ड छोड कर
रंग के जैसे गाल चूम ले ।।
मेरी सखियों हार गयी हूँ
गहरे रंग को धार गयी हूँ ।
कोई रंग नही चढ सकता
सब रंग से हो पार गयी हूँ ।।
मेरा रंग है उस पर भारी
वह भी मार गया पिचकारी ।
दूर रहे तो बहते ऑसू
पास रहे करते किलकारी ।।
होली तू तो बडी निगोडी
बना गयी हो कैसी जोडी ।
बरस रहे है प्यारे नयना
वह आता मै जाऊँ दौडी ।।
प्यारी होली साथ करा दो
चाहे जितना भी रंगवा दो ।
अलग नही हम दो रह पाते
जीवन भर का साथ करा दो ।।
डॉ दीनानाथ मिश्र
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
प्यारे साथियों
❤️🧡💜💛💚🖤❤️
सबको हैप्पी होली
कहाँ है आपकी टोली ?
आया होली का त्यौहार।
रंग लगाने का है वार ।
❤️🧡💚💛💙💜🖤
बचपन वाली होली ।
आँखें मेरी अक्सर नम हो जाती हैँ।
जब बचपन की होली याद आती है।
उड़ता था प्रेमगुलाल जब गगन में।
कविता मेरी, वह क़िस्सा सुनाती है।
रात को ही भिगोते हम टेसू के फूल।
पिचकारी भरकर पीले रँगों से उसके।
गुब्बारे रंगीन सब भर लिए जाते थे ।
तेल लगा तैयार भी हम हो जाते थे।
खुशबू टेसुओं की मन को महकाती है।
कनस्तर भर भर गुजिया बनती थीं ।
भरते साँचे से हम, मम्मी तलती थीं।
एक जुट होकर बनाता था परिवार ।
दही भल्ला पापड़ी चाट खाते सब यार।
बाज़ारू गुजियाँ तनिक न मुझे भाती है।
उछल कूद करती थी साथियोँ की टोली।
गले मिलते थे बैर भुलाकर सब हमजोली।
मन जाती अब होली सोशल मीडिया पर।
रेन डांस पर आ ठहरता होली का सफर।
पर उस अपनेपन की कमी खल जाती है।
आँखें मेरी अक्सर नम हो जाती हैँ।
जब बचपन की होली याद आती है।
मौलिक और स्वरचित
चेतना अग्रवाल
अहमदाबाद
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
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🌹 **होली का त्यौहार** 🌹
**विधा---गीत**
**राम**
आओ खुशी मनाएं आया ,
होली का त्यौहार है ।
कुदरत ने ली है अंगड़ाई ,
चली बसंती बयार है ।।
🌹🌹🌹
कुसुम कली कानन में शोभित,
जैसे लगती तरुणाई ।
कोयल राग सुनाती सुंदर ,
मानो बजती शहनाई ।।
गुनगुन करते भौंरे ऐसे ,
गायें राग मल्हार हैं*****
चिड़ियाॅ चहक रहीं डालों पर ,
अपनी धुन में गा गाकर ।
मोर सभी के मन को मोहे ,
निज सुंदरता दिखलाकर ।।
आज किया कुदरत ने ऐसा,
अनुपम रूप श्रृंगार है*****
ढ़ोल नगाड़े बजते चारों ,
ओर ठहाके लगते हैं ।
होली के सुर-ताल सभी के,
मुख पर सुंदर सजते हैं।।
गायें फाग मनोहर मिलकर,
सारे अनेक प्रकार हैं*****
होली यह लेकर के आता ,
सबके जीवन में खुशियाॅ ।
गले लगालो सबको साथी,
रहे न अब कोई दुरियाॅ।।
**राम**अंबीर गुलाल उड़ाओ,
अब किसका इंतज़ार है*****
**रचयिता**
🌹 **रामसाय श्रीवास "राम"(छग)**
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
होली प्रेम का पर्व
_________________
ये प्रेम का पर्व है, खुशियों का पर्व है,
हम मिलजुल कर मनाएंगे होली का पर्व,
फागुन के गीत गाएंगे, ढोल नगाड़ा भी बजाएंगे,
अम्मा के हाथ की बनी गुझिया भी! खाएंगे,
चाचा –चाची के साथ होली का पर्व मनाएंगे,
ये प्रेम का पर्व है खुशियों का पर्व है
गांव में परिवार के साथ होली का पर्व मनाएंगे,
हम मिलजुल कर होली का पर्व मनाएंगे।
मित्रों के साथ नाचेंगे भी !,झूमेंगे भी!
सारे रिश्तेदारों से मिलकर भी!आएंगे,
प्रेम के रंग से सबको रंग कर आयेंगे,
ये होली का पर्व है, खुशियों का पर्व है,
अबकी सबके उपालंभ दूर करके आएंगे,
हम मिलजुल कर होली का पर्व मनाएंगे।
(मौलिक रचना)
चेतना चितेरी , प्रयागराज
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
*होली*
आओ मिलकर सभी मनायें,होली एक संग।
प्यार के इस त्यौहार में,हो जायें एक रंग।
जैसे सुंदर लगता है,उड़ता लाल गुलाल।
आओ वैसा ही सुंदर बनायें, हम अपना समाज।।
आओ मिलकर सभी मनायें,होली एक संग।
प्यार के इस त्यौहार में,हो जायें एक रंग।।
जब मिलते हैं गले,आप और हम।
हम भूल जाते हैं,अपने सारे गम।
आओ मिलकर बांट ले,सुख-दुख अपने हम।
दे दें अपने समाज को,एक नया रंग।।
आओ मिलकर सभी मनायें,होली एक संग।
प्यार के इस त्यौहार में,हो जायें एक रंग।।
दें हम अपनी पीढियों को,एक ऐसा जहां।
भर सके जिसकी छाया में,वो एक ऊंची उड़ान।
ख्वाहिशें पूरी हो उनकी,और मिले मुकाम।
चाहतें न रहे अधूरी वो बने एक पहचान।।
नाम रौशन करे वो अपना,और गर्व करें हम।
आओ मिलकर सभी मनायें,होली एक संग।।.
नीलम रानी गुप्ता
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
होली का त्योहार मनाओ
सब मिलकर नाचो गाओ
नीली पीली अबीर लगाओ
सबके ऊपर रंग घोलकर डालो
सब मिल बोलो होली है।।
मस्ती चाहे जितनी कर लो
हाथ बांह नही मत पकड़ो
हरे पेड़ पर ना चले कुल्हाड़ी
घर घर उपली मांग जलाओ
सब मिल बोलो होली है।।
घर घर जाना सबसे मिलना
आशीष बड़े से मांगो
छोटों को आशीष तुम देना
अपने यारों को गले लगाओ
सब मिल बोलो होली है।।
मद्यपान बिल्कुल ना करना
शिव शंकर की बूटी ले लेना
तरह-तरह पकवान बनाओ
गुझिया पापड़ नल्ली खाओ
यारों को भी जरूर खिलाओ
सब मिल बोलो होली है।।
मन का अपने मैल छुड़ाओ
तुम अपने दिल को धो डालो
तुम वर्षों की दुश्मनी भूलकर
दुश्मन के घर तुम जाओ
सब मिल बोलो होली है।।
मेरी नसीब नहीं ठीक है
मैं आपके बीच नहीं आ पाया
लेकिन मेरे हिस्से की होली
आप लोग जरूर खूब खेलो
सब मिल बोलो होली है।।
होरीलाल
Happy Holi🌷होली की बहुत बहुत बधाई🌷Happy Holi
...Subscribe Now...होली की बधाई
होश नहीं गँवाइये रंग ही लगाइये,
लीजिये बधाइयाँ रूठों को मनाइये।
मुस्करा के हाथों से ग़ुलाल ही उड़ाईये,
बार बार गले मिलके दुश्मनी मिटाइये,
रतजगा कराके सारे होली गीत गाइये,
कसर न रह जाए कोई प्रीत ही निभाइये।
होली रोज भाँग पी माहौल न बिगाड़िये।
आसपास सभी को अपनापन दिखाइए,
पहल कर के सभी से प्रेमभाव ही बढ़ाइए,
कोसने की आदतों को अभी से मिटाइए।
शब्द प्रीत भरे बोल बोल के विहारिये,
लब्ध सारे लोगों को बधाई दे पुकारिये,
भय मिटाके गैर से भी प्रीत ही निभाइये।।
@C-3/2022
सर्वाधिकार सुरक्षित,
मूल लेखक व रचनाकार,
कवि शलभ फैजाबादी
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संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश
(पूर्णियां, बिहार)
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