बिहार दिवस-110वीं वर्षगांठ पर विशेष आलेख
"""""""""""" """""""" """""""""""""" """"" """"""""""
आज के ही दिन अंग्रेजी हुकूमत से 1905-1911 ई.तक बंग-भंग आन्दोलन के क्रम में जद्दोजहद एवं बहुत लड़-झगड़ कर 22- मार्च-1912 को बृहत्तर-बंगाल से अलग एक राज्य बिहार बना। आज का "ओडिशा"-1936 ई.में और झारखंड-2000 ई.भी राज्य बनने के पहले बिहार का ही हिस्सा था। आज बिहार अपनी 110 वीं वर्षगांठ मना रहा है। हमें यह फक्र है कि हम भी बिहार के वासी है। बौद्ध-मठ को तब 'विहार' कहा जाता था। बाद में यही बौद्ध विहार ''बिहार'' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। भारतीय संघ के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डा.राजेंद्र प्रसाद,राजकुमारजी, लोकनायक जय प्रकाश, मौलाना मजहरुल हक, बिरसा मुंडा संग अनेक नाम भारतीय गणराज्य के सशक्त प्रहरी रहे हैं। आइये हमसब उन्हें सादर स्मरण करते हुए बिहार की गौरव गाथा गाते हैं।
इस विकास -शील बिहार की राजधानी रही पाटलीपुत्र के सम्राट चन्द्रगुप्त औ उनके ही गुरु रहे महामात्य "आचार्य विष्णु गुप्त शर्मा" -''चाणक्य'' को याद करते हुए एक सशक्त व समृद्ध भारत की सुसंस्कृत परंपरा का हिस्सा बनते हैं। यह दुनिया के प्राचीनतम लोकतंत्र,जो लिच्छवी गणतंत्र के साक्षी के रूप में हमारा मस्तक दुनिया के सामने उठाये रखा है। महान गणितज्ञ आर्यभट्ट की धरती रही, यह अद्वैतवाद के महान गुरु शंकर आचार्य को पराजित करनेवाली 'विदुषी भारती' की भी धरती रही है। हम आज भी गौरवान्वित हैं अपने उसी अतीत पर। वीर कुंवर सिंह को याद करते हुए हम ब्रजकिशोर सिन्हा जैसे जुझारू बड़े स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ही यह गाँधी जी की कर्मस्थली- (चम्पारण) रही है। हम चंदन-वंदन और अभिनंदन करते हैं उन तमाम रचनाकारों का, जिन्होंने साहित्य सृजन के माध्यम से हमें जगाया।
महाकवि विद्यापति,डा.रामधारी सिंह दिनकर,फणीश्वर नाथ रेणु, जनकवि नागार्जुन, डा0 रामबृक्ष बेनीपुरी प्रभृत प्रबुद्ध-शुद्ध एवं गणमान्य अमर साहित्य सेवकों की, जिन्होंने बिहार के गौरव व अस्मिता को बचाये रखने को कृत संकल्पित एवं कटिबद्ध रहे। स्वागत व अंतस्तल की अथाह गहराई से वैचारिक-श्रेष्ठता संग आप सबको बहुत--बहुत बधाई और अनंत हार्दिक शुभकामनायें!पान, आम, माछ और मखाना से भरपूर इस बिहार के व्यंजन के रूप में 'साग और लिट्टी-चोखे' एवं लोकआस्था के पर्व "छठ" का नाम सारे भारत में चलता है। 'देवी भामति व मां सीता' की जन्मभूमि ऋषिवर विश्वामित्र की तपोभूमि यह अपना बिहार आज अपनी संतान से तप व संकल्प की अपेक्षा रखता कि वह फिर से "चरैवेति-चरैवेति" संग ही प्रगति के पथ पर निरंतर अग्रसर रहे और "सत्यमेव जयते" का उद्घोष करे।
हम अपने बिहार के हृदय सम्राट अशोक, वर्धमान महावीर, भगवान बुद्ध की तपोभूमि बोध गया, राजा सलहेश,लोक-संस्कृति के देव 'दीना-भद्री' व उन अनगिन "ग्राम-देवताओं" को जोश--जज्बे और जुनून संग ही अगणित वंदन और अभिनंदन करें। जय बिहार! जय-जय बिहार! शत-शत वंदन है सबका बिहार!
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
*आलेख-डा.के.के.चौधरी 'वियोगी'-पूर्णिया*
नोट:- सभी बिहारियों को बिहार-दिवस की बहुत-बहुत बधाई
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस व्हाट्सएप नंबर 7562026066 पर मैसेज कर सम्पर्क करें।
Sahitya Aajkal:- एक लोकप्रिय साहित्यिक मंच 👇💞 Sahitya Aajkal Youtube Channel link plz Subscribe Now ...💞👇Sahitya Aajkal Youtube से जुड़ने के लिए यहाँ click करें
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।
कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com
Whatsapp:- 7562026066
संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश
(पूर्णियां, बिहार)
No comments:
Post a Comment