3/26/22

शब्द शक्ति व शब्द क्रान्ति:- मानसिंह सुथार

                     शीर्षक :- शब्द शक्ति व शब्द क्रान्ति


अँधेरों  से  लड़ने  के  लिए ये भौतिक उजाला  काफी  नहीं

"तमस" है " शब्द शक्ति " चाहिए अकेला सूरज काफी नहीं |


हमारे " मन " में  घर  कर  बैठा  है अंधेरा , हटाना मुश्किल है

"कलम" फिर से  उठानी  होगी , सिर्फ " मशाल " काफी नहीं |


वेद  उपनिषद  गीता और  पुराणो  को  फिर  लिखना होगा

आधुनिकता  का  युग  है , अकेले  पुरातनता  काफी  नहीं |


एक  "कलम"  कहीं  कारगर  है , तलवारों  से  कहीं  ज्यादा 

हमे एक और विवेकानंद चाहिए , एक सत्यार्थ प्रकाश काफी नहीं |


जय हो उदघोष हो , फिर विश्व में भारतीयता का जयघोष हो 

उठो  एक हो जाओ , सिर्फ गणतंत्र पर तिरंगा फहराना काफी नहीं |


सुभाष और भगत सिंह जैसे वीर फिर से पैदा हो इस मिट्टी में 

एक  दिन  विशेष  को  उनकी  जयंती   मनाना  काफी  नहीं |


व्यथित होगी इन वीरों की आत्मा आज भारतभूमी को देख कर 

फिर उठकर बलिदान देना होगा , ये कागजी बदलाव काफी नहीं |


काश एक " सरदार वल्लभ " फिर से उठे इस भूमी से , दुआ करता हूँ

फिर से विचारों एक हो ये भारत भूमी , बार बार के ये जुमले काफी नहीं |


विराम देता हूँ मैं अब मेरी कलम को , अब आप भी कलम उठाईए

सब मिल कर "शब्द क्रान्ति" करे , अकेले के शब्द इस परिदृश्य में काफी नही |


स्वरचित रचना

मानसिंह सुथार

श्रीगंगानगर , राजस्थान










यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस व्हाट्सएप नंबर 7562026066 पर मैसेज कर सम्पर्क करें।











Sahitya Aajkal:- एक लोकप्रिय साहित्यिक मंच 👇💞 Sahitya Aajkal Youtube Channel link plz Subscribe Now ...💞👇Sahitya Aajkal Youtube से जुड़ने के लिए यहाँ click करें

 ...Subscribe Now... 



यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

Email:- sahityaaajkal9@gmail.com

 Whatsapp:- 7562026066

     संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश

          (पूर्णियां, बिहार)

                           ...Subscribe Now...       

1 comment:

  1. आदरणीय मानसिंह सुथार जी को आंदोलित करती लाजवाब देशभक्तिपूर्ण गजल के लिए सहृदय बधाई शुभकामनाएँ!

    ReplyDelete