हाँ इश्क़ हुआ है!:- राजू कुमार
शीर्षक:- इश्क़
हाँ इश्क़ हुआ है!:- राजू कुमार
जब अकस्मात नजरें मिल जाएँ
सहसा ज़ोरो से दिल धड़क जाएँ
जब चेहरा पहले से ज्यादा चमकने लगे
हर पल हर जगह मिलने को मचलने लगे
जब उसपे एतबार जो बेशुमार करने लगे
गोया जिसके आने से ज़िंदगी सँवरने लगे
जब उसके बिना हर चीज खलने लगता हो
शाम-ओ-सहर बहूत मुश्किल से कटता हो
जब उसे देखते ही रोम-रोम खिलने सा लगता हो
उसके साथ ताउम्र ज़िंदगी बिताने का मन करता हो
जब हर ग़म ख़ुशी उसके साथ साझा करने का इरादा हो
उसके प्रति आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ने लगे सुरूर ज्यादा हो
...............बस ! जब ऐसा कुछ हुआ है, इश्क़ हुआ है!
आपको इश्क़ हुआ है! बेहिसाब हुआ है! हाँ इश्क़ हुआ है!
✍️ राजू कुमार , जयपुर(राजस्थान)
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