4/28/22

हरियाली पर हरे कृष्ण प्रकाश द्वारा रचित सबसे बेहतरीन कविता

 हरियाली पर हरे कृष्ण प्रकाश द्वारा रचित सबसे बेहतरीन कविता 


 हरियाली- हरे कृष्ण प्रकाश
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     चारो ओर देख हरियाली,
     कहो कैसी लगी ओ भाई,
     मन प्रफुल्लित हो जाता है,
     देख वसुंधरा की हरियाली।।

     आधुनिकता के इस दौर में,
     मानव कितने हो गए बेदर्दी,
     सुख सुविधाओं की खातिर,
     मिटा रहा जग से हरियाली।

     अपना गांव हो या हो शहर,
     पेड़ों पर  टूट  रहा  है कहर,
     मन मेरा चिंतित हो जाता है
     घटते देख धरा की हरियाली।।

     सांस टिकी है अब आश पर,
     कहो कैसे  बचोगे  मेरे  भाई,
     देर हुई पर अब भी देर नहीं,
     खोज तरकीब बचा हरियाली।।

       ✍️ © हरे कृष्ण प्रकाश
                  ( पूर्णियाँ, बिहार )



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2 comments:

  1. ' साँस टिकी है अब भी आश पर " हरियाली की अति सुन्दर जीवंत सार्थक संदेशप्रद कविता के लिए आदरणीय कविवर श्री हरे कृष्ण प्रकाश जी को सहृदय बधाई व अनंत मंगलकामना ।

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