5/1/22

मुझे खामोशी में रहने दो:- सलोनी चावला



गज़ल :-    सलोनी चावला 

मुझे गीत नहीं सुनना कोई, मुझे खामोशी में रहने दो,

मत छेड़ो मेरे जज्बातों को, यह दफ्न हैं,दफ्न ही रहने दो। 


मुझे रोको न रोने से जग वालों, मुझे जी भर के रो लेने दो,

दिल में अरमान हैं सुलग रहे, वह आंसु नदी में बहने दो। 


मुझे पागल ना समझे कोई, मुझे आईने से बतियाने दो,

जब सुनने वाला कोई नहीं, तो खुद से ही खुद की कहने दो। 


जो दर्द है मेरी जिंदगी में, उस दर्द को राज़ ही रहने दो,

दर्द के कितने पन्ने खोलूं, यह उपन्यास है - बंद ही रहने दो। 


सुख दुख दो पहिये जीवन के, दोनों से यह रथिया चलने दो,

मुझे शिकवा नहीं कांटों से कोई, मुझे गम भी खुशी से सहने दो। 


                  रचयिता -  सलोनी चावला

     हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. |   हमारे यूट्यूब से जुड़ें   |

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

                                      👆👆                                

यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।
(Online/Offline दोनों सुविधा उपलब्ध)
  धन्यवाद:- *(साहित्य आजकल टीम)

 










यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

Email:- sahityaaajkal9@gmail.com

 Whatsapp:- 7562026066

     संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश (पूर्णियां, बिहार)

                           ...Subscribe Now...    


1 comment:

  1. " मुझे गम भी खुशी से सहने दो !"अति सुन्दर सराहनीय रचना! आदरणीया सलोनी चावला जी को सहृदय बधाई संग मंगलकामना!

    ReplyDelete