महाराणा प्रताप की जयंती पर यह कविता
विषय :- महाराणा
रचना :-
वीर सपूत भारत माता का
आजादी का दीवाना था
नाम था महाराणा प्रताप
जो धीर-वीर मस्ताना था।।
डील डौल गजब का था
पहना केसरिया बाना था
कूद गया था रण भूमि मे
गजब का महाराणा था।।
हाथ मे चलती थी तलवारें
ज्यों बिजली सी चमकी थी
कट जाते थे लाखों शीश
जब वो म्यान से निकलती थी।।
भाले का तो कहना ही क्या
क्या खूब राणा का निशाना था
नही चुकता था उस लक्ष्य को
जो महाराणा ने ठाना था ।।
ऐसे थे महाराणा प्रताप जिनसे
शत्रु भी थर-थर थर्राते थे
ललकार सुनकर महाराणा की
रण से वो गायब हो जाते थे ।।
बचे सैनिक महाराणा के हाथों
रणभूमी में वीर गति को पाते थे
वीर सपूत भारत माता का
आजादी का वो दीवाना था ।।
अभय चौरे हरदा मप्र
हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. | हमारे यूट्यूब से जुड़ें |
सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें
👆👆
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।
कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com
Whatsapp:- 7562026066
संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश (पूर्णियां, बिहार)
No comments:
Post a Comment