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5/14/22

आजादी का दीवाना था (महाराणा प्रताप- अभय चौरे )

 महाराणा प्रताप की जयंती पर यह कविता



विषय :- महाराणा 

रचना :- 

वीर सपूत भारत माता का 

आजादी का दीवाना था 

नाम था महाराणा प्रताप 

जो धीर-वीर मस्ताना था।।

डील डौल गजब का था 

पहना केसरिया बाना था 

कूद गया था रण भूमि मे 

गजब का महाराणा था।। 

हाथ मे चलती थी तलवारें 

ज्यों बिजली सी चमकी थी

कट जाते थे लाखों शीश 

जब वो म्यान से निकलती थी।।

भाले का तो कहना ही क्या 

क्या खूब राणा का निशाना था 

नही चुकता था उस लक्ष्य को 

जो महाराणा ने ठाना था ।। 

ऐसे थे महाराणा प्रताप जिनसे 

शत्रु भी थर-थर थर्राते थे 

ललकार सुनकर महाराणा की 

रण से वो गायब हो जाते थे ।।

बचे सैनिक महाराणा के हाथों 

रणभूमी में वीर गति को पाते थे 

वीर सपूत भारत माता का 

आजादी का वो दीवाना था ।।

     अभय चौरे हरदा मप्र

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