गगरी झलक रही हैं !- विशाल लोधी
गर्मी के दिनों की एक शाम को छोटी सी बच्ची मेरे घर पानी भरने आती है तब वह अत्यंत सुशोभित लग रही है । जैसे हजारों कामदेवों की शोभा वाले नीलकमल गंभीर बादलों के समान बच्ची का सॉवले शरीर पर पसीने की बूंदें मानों ऐसे चमक रही थी जैसे लाल कमल के पत्तों पर मोती स्थिर हो गम हो गया है पैरों में पायल की छन - छन की ध्वनि मन को बहुत हर्षित कर रही है ।
जिसके सिर पर , ओढ़नी घुंघट में मानो ऐसी लग रही है जैसे दुल्हन सी सजीं हैं और ओढ़नी से पूरा चहरा ढ़का हुआं हैं। घुंघराले बाल मानों निर्मल झरने की तरह फैली हुई है जैसे घटा बह रहीं हों चहरें की शोभा मानों ऐसे लग रहीं हैं जिसमें प्रकृति की समस्त सुंदरता समाहित हो मुंह जो मिट्टी से लिप्त है मानों यह दशा अत्यंत सौंदर्य प्रतीत हो रही है गले में मोतियों की माला ऐसी प्रतीत हो रही है जैसे गले के चारों तरफ चमकतें हुयें तारे हो और बीचों बीच में जैसे चन्द्रमा की चंचल किरणें पढ़ रहीं हैं ।
जिनकी शंख के समान गर्दन और मुख पर असंख्य कामदेवों की छवि छायीं हैं। जिसके माथे पर बिन्दी मानों चन्द्रमा की तरह चम़क रही हैं। दाँत और लाली युक्त होठ तथा नाक शीप की तरह चिकनी व बिन्दी की उपमा मानों अतिभावुक कर रही हैं सुन्दर कान और बहुत ही मधुर तोतली बोली मन को प्रफुल्लित कर रही हैं। खुलें हुऐं केश़ ऐसी प्रतीत होती है। जैसे नदी में जल के प्रवाह की सुन्दरता और ही अद्भुत लगती है और सिर पर छोटी सी गगरी में पानी भरें हुयें हुए ठुमक - ठुमक कर चलती जा रही है और जल गगरी से छलठता जाता है जो सुन्दर तन पर गिर रहा जल ऐसा लगता हैं जैसे निर्मल (नाज़ुक)कमर पर ओस की बूंदें तरह दिखाई देता है। जल की बूंदे मानों उसके साथ खेल रही हों । उस बच्ची की कमर में करधोनी नाभि की सुंदरता को और अधिक सौंदर्य युक्त प्रतीत हों रहीं हैं। संध्या के समय वह दशा मन को हर्षित करतीं हैं।
छोटे छोटे से हाथ पैर ऐसे हिला रही है। जैसे हवा द्वारा पेड़ पौधों की निर्मल शखाऐं लहराती है। बच्ची के शरीर पर पीले वस्त्र धूल युक्त धारण कियें हुऐं हैं जिस तरह वर्षा के समय पृथ्वी की समस्त अशुद्धता कीचड़ में मिल जाती हैं और फ़िर वर्षा के द्वारा जल के प्रबाह में आकर वह जाता है।और फ़िर सब स्वच्छ व सौंदर्य युक्त हों जाता हैं। ऐसे ही जब गगरी का जल झलकता है तब बच्ची के वस्त्र की धूल भी साफ़ हों जाती हैं और फ़िर वह सुंदर व सौंदर्य युक्त दिखाई देने लगती हैं।
नाम विशाल लोधी ✍️
ग्राम मगरधा
जिला दमोह मध्यप्रदेश
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