विशेष जानकारी पाएं

5/22/22

दर्द मिले हैं जिस शख्स की चाहत से:- पियूषा शर्मा

 किसने कहा था इतना करीब जाने को,

अब क्यूँ दूरियों के दर्द से भरे दिखते हो..


मोहब्बत किस्से कहानियों में ही भली है,

मगर तुम तो इसे हक़ीक़त में लिखते हो...


जिन गमों से गुज़र के भी देख लिया तुमने

क्यों अब तक उन्हें कन्धे पे उठाये फिरते हो...


बड़ी मुश्किल से सम्भले हो गिर के इक बार,

क्यूँ हर बार उल्फत की दलदल में ही गिरते हो...


दर्द मिले हैं जिस शख्स की चाहत से तुम्हे,

उसी से दवा की उम्मीद भी अब करते हो...


न ख्वाइशें ही बची ज़िंदा न ख्वाब ही मरे सब,

पर तुम हो कि आज भी इक नाम पे मरते हो...


होठो पे मुस्कुराहट और पलकों पे नमी रख के,

दिल मे ज़ज़्बात का समंदर छिपाये फिरते हो...


वो तुम्हे अलविदा कह के बढ़ गया कब से आगे,

तुम आज तक भी उसे याद करके आहें भरते हो...!!!

पियूषा शर्मा

मध्यप्रदेश

हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. |   हमारे यूट्यूब से जुड़ें   |

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

                                      👆👆                                

यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।
(Online/Offline दोनों सुविधा उपलब्ध)
  धन्यवाद:- *(साहित्य आजकल टीम)

 










यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

Email:- sahityaaajkal9@gmail.com

 Whatsapp:- 7562026066

     संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश (पूर्णियां, बिहार)

                           ...Subscribe Now...    




No comments:

Post a Comment