"साहित्य आजकल" आपका अपना एक ऑनलाइन साहित्यिक मंच में मैं हरे कृष्ण प्रकाश स्वागत व अभिनंदन करता हूँ। दोस्तों यह एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफ़ार्म है, जहाँ से कोई भी रचनाकार अपनी कविता, कहानी, गजल या अन्य साहित्यिक खबरों को प्रकाशित आसानी से करवा सकते हैं। Whatsapp Now- 9709772649 देर न करें जल्दी सम्पर्क करें।
साहित्य आजकल द्वारा आयोजित "हम में है दम" कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। ज्ञात हो कि इस प्रतियोगिता कार्यक्रम में भाग लिए सभी रचनाकारों में जो विजयी होंगे उन्हें नगद पुरस्कार स्वरूप 101 रुपया, शील्ड कप और सम्मान पत्र उनके आवास पर भेज कर सम्मानित किया जाना है। इसी कार्यक्रम "हम में है दम" के निमित्त आज की यह रचना साहित्य आजकल के संस्थापक हरे कृष्ण प्रकाश के द्वारा प्रकाशित की जा रही है। साहित्य आजकल व साहित्य संसार दोनों टीम की ओर से आप सभी रचनाकारों के लिए ढेरों शुभकामनाएं। यदि आप भी भाग लेना चाहते हैं तो टीम से सम्पर्क करें। आशा है नीचे सम्पूर्ण रचना आप जरूर पढ़ेंगे व कमेंट बॉक्स में कमेंट करेंगे।
"पैगाम ए हिंदुस्तान" :- रुखसाना आजमी
मत फेलाओ नफरत को तुम अपने ही देश में !
सब भाई ही तो हैं हिंदू मुस्लिम के वेश में,
हिंदू मुस्लिम के वेश में !
छोड़ यह लड़ाई सोच आगे क्या करना है !
पिछड़ रहा है भारत मेरा इसे आगे बढ़ाना है,
इसे आगे बढ़ाना है!
गरीबी, अशिक्षा, और शिक्षित बेरोजगारी गरीबी,
बढ़ रही है देश में यह अब बारी-बारी!
स्वतंत्र हो गया है भारत मेरा अब उन्नत करना है !
दोनों के मिलने से ही
देश को विकास में प्रथम करना है,
विकास में प्रथम करना है !
क्यूं किसी संस्था या संगठन की बात पर आ जाते हो!
मस्जिदों और मंदिरों के लाउडस्पीकर पर लड़ते हो !
क्या कभी श्री राम की लड़ाई मोहम्मद साहब से हुई थी!
क्या कभी यह धर्म के नाम पर आपस में लड़े थे !
क्या कभी यह धर्म के नाम पर आपस में लड़े थे !
अरे दोनों ही मानवता के लिए हर मुश्किल में खड़े थे ,
हर मुश्किल में खड़े थे!
जिन धर्मों के नाम पर हम मार-काट करते हैं !
उनके खुदा और भगवान आपस में कहां लड़ते हैं,
आपस में कहां लरते हैं !
मत फेलाओ नफरत को तुम अपने ही देश में !
सब भाई ही तो हैं हिंदू मुस्लिम के वेश में!
क्या मिलता है तुम्हें अपनी एकता को तोड़ कर !
और भी तो मसले हैं जात-पात को छोड़कर !
कितनी मुश्किलों से ही तो हमने आजादी पाई है !
हिंदू-मुस्लिम की कुर्बानी से ही तो स्वतंत्रता रंग लाई है !
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उत्तम भावयुक्त रचना! सहृदय बधाई आदरणीया कवयित्री!
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