देश जा रही गहरी खाई :- श्री कमलेश झा
देश जा रही गहरी खाई फिकर कहां कुछ करने में।
नेता जन तो लगे पड़े हैं भ्रष्टाचार और स्कैंडल में ।।
पुरुष महशय लगे पड़े हैं धरना, विरोध और कैंडल में।
नारी शक्ति लगी पड़ी है फैसना पाउडर ,ऊंची सैंडल में ।।
फिकर कहां और किसको है लगे पड़े हैं वाक वीर ।
रेल पटरी को तहस नहस कर मजा ले रहे अग्नि वीर।।
एक तरफ वो पत्थर लेकर तोड़ रहा है समाज।
इसके आका पीठ पीछे से साध रहे है राजनीति खास।।
माहौल खड़ा कर उथल पुथल का फायदे का कर रहे हिसाब।
चाहे नुकसान हो देश धर्म का उसको कहां फिकर है आज।।
देश का रही गहरी खाई अब इसको बचाने की दरकार।
बेचने वाले सोच से उठकर ऊंचा सोचने की दरकार ।।
शसक्त देश हो भारत अपना इसका रखना होगा ख्याल।
तुच्छ और गिरी राजनीति को छोड़ने का बनाना होगा ख्याल।।
युवा पीढ़ी के हाथो में होना चाहिए देश का विकास।
पत्थर और आगजनी से क्या जायेगा देश विकास ??
आओ बैठे दो मिनट बस सोचें कमी कहां है आज।
मिलबैठ कर उस दूरी को पाटने की अब है दरकार ।।
श्री कमलेश झा
भागलपुर बिहार
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