साहित्य आजकल द्वारा आयोजित "हम में है दम" कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। ज्ञात हो कि इस प्रतियोगिता कार्यक्रम में भाग लिए सभी रचनाकारों में जो विजयी होंगे उन्हें नगद पुरस्कार स्वरूप 101 रुपया, शील्ड कप और सम्मान पत्र उनके आवास पर भेज कर सम्मानित किया जाना है। यदि आप भी भाग लेना चाहते हैं तो टीम से सम्पर्क करें।
मंदी, मंहगाई, बेकारी, अनशन, धरना है
नेताओं की मौज है जनता का मरना है।
कुछ काम धंधे भी किया करो साथियों
अजान-भजन से ही पेट नहीं भरना है।
किसी को लूटकर घर भरना ठीक नहीं
जीने के लिए ऐसे भी मरना ठीक नहीं।
इंसान हो तो बढ़कर मदद करो दोस्तों
ऐसे हिन्दू-मुस्लिम ही करना ठीक नहीं।
धर्म नहीं यार अधर्म खतरे में है
शिक्षा,चिकित्सा,कर्म खतरे में है।
अजान ,भजन की प्रतिस्पर्धा में
इंसान इंसान के बीच मर्म खतरे में है।
जिनको मतलब है अपने काम व भोजन से
उनको क्या लेना किसी के अजान,भजन से।
दुनिया भर की रैलियां, नारे सब ठीक है मग़र
क्या कोई धर्म भी बड़ा हो सकता है वतन से।
✍️ संजय अश्क
बालाघाटी
हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. | हमारे यूट्यूब से जुड़ें |
सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें
👆👆
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।
कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com
Whatsapp:- 7562026066
संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश (पूर्णियां, बिहार)
No comments:
Post a Comment