6/19/22

मेरे पूज्य पिता जीवन के आधार:- दुर्गेश मोहन

साहित्य आजकल द्वारा आयोजित "हम में है दम" कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। ज्ञात हो कि इस प्रतियोगिता कार्यक्रम में भाग लिए सभी रचनाकारों में जो विजयी होंगे उन्हें नगद पुरस्कार स्वरूप 101 रुपया, शील्ड कप और सम्मान पत्र उनके आवास पर भेज कर सम्मानित किया जाना है।  यदि आप भी भाग लेना चाहते हैं तो टीम से सम्पर्क करें।  

                         ...हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.


शीर्षक :- पिता

मेरे पूज्य पिता

जीवन के आधार।

मुझे संवारने में

आप कभी न माने हार।

  उन्होंने मुझे संभाल कर

  सुन्दर रास्ता दिखाया।

  मेरे जीवन निर्माण में

  संपूर्ण जिन्दगी बिताया।

वे देखे गरीबी

हौसला न छोड़ा।

परिश्रम के बल पर

सफलता है पाया।

  वे मुझे देते आशीष

  मैं उन्हें करता नमन।

  वे रहेंगे मेरी धरोहर

  जन्म दर जन्म।

✍️ दुर्गेश मोहन

चक वे दौलिया

समस्तीपुर 

बिहार




हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. |   हमारे यूट्यूब से जुड़ें   |

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

                                      👆👆                                

यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।
(Online/Offline दोनों सुविधा उपलब्ध)
  धन्यवाद:- *(साहित्य आजकल टीम)


 










यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

Email:- sahityaaajkal9@gmail.com

 Whatsapp:- 7562026066

     संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश (पूर्णियां, बिहार)

                           ...Subscribe Now...    

ईमेल- harekrishnaprakash72@gmail.com

No comments:

Post a Comment