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6/19/22

मेरे पूज्य पिता जीवन के आधार:- दुर्गेश मोहन

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शीर्षक :- पिता

मेरे पूज्य पिता

जीवन के आधार।

मुझे संवारने में

आप कभी न माने हार।

  उन्होंने मुझे संभाल कर

  सुन्दर रास्ता दिखाया।

  मेरे जीवन निर्माण में

  संपूर्ण जिन्दगी बिताया।

वे देखे गरीबी

हौसला न छोड़ा।

परिश्रम के बल पर

सफलता है पाया।

  वे मुझे देते आशीष

  मैं उन्हें करता नमन।

  वे रहेंगे मेरी धरोहर

  जन्म दर जन्म।

✍️ दुर्गेश मोहन

चक वे दौलिया

समस्तीपुर 

बिहार




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