साहित्य आजकल द्वारा आयोजित "हम में है दम" कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। ज्ञात हो कि इस प्रतियोगिता कार्यक्रम में भाग लिए सभी रचनाकारों में जो विजयी होंगे उन्हें नगद पुरस्कार स्वरूप 101 रुपया, शील्ड कप और सम्मान पत्र उनके आवास पर भेज कर सम्मानित किया जाना है। यदि आप भी भाग लेना चाहते हैं तो टीम से सम्पर्क करें।
"पितृत्व दिवस की शुभकामनाएं"
"पिता की डांट"
डांटते थे जब पिता ,
बहुत बुरा लगता था,
उन्हें कोसते हुए नही थकता था,
जरा जरा सी बातों पर देते थे सीख।
कहते-
कर्म में रत रहो,
मिलो जुलो सबसे ,
नम्रता में दण्डवत रहो,
आलसी छोड़ समय को पकड़ो,
निकल न जाए समय ,
कर्म से जकड़ो,
तीनो ऋतु को सहन करने की ,
शक्ति लाओ,
निकलो घर से बाहर कुछ कर गुजरो,
सद्कार्यों में ख्याति पाओ।
यदि पिता की बात सुना होता,
तो,
शायद आज जो हूं,
उससे और अच्छा होता।
पिता तो नही आज,
किन्तु,
उनकी सीख इस उम्र में अपना रहा हूं"
उनकी बातों को पहले क्यो नही माना
आज बहुत पछता रहा हूं।
--सुनील चौरे उपमन्यु
हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. | हमारे यूट्यूब से जुड़ें |
सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें
👆👆
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।
कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com
Whatsapp:- 7562026066
संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश (पूर्णियां, बिहार)
ईमेल- harekrishnaprakash72@gmail.com
No comments:
Post a Comment