विषय: "जीना-हर-लम्हा" की कड़ी में साहित्यिक एवं विचार गोष्ठी।
"जीनाचाहताहूँमरनेकेबाद फाउंडेशनएकभारत" एवं ""झारखंड हिंदी साहित्य एवं संस्कृति मंच, राँची''" के संयुक्त तत्वावधान में _ ओनलाइन (आभासी)काव्य-गोष्ठी हुई।साथ ही आज की सामाजिक संरचनाओं में उग रही अकारण विषमताओं एवं विकृतियों पर चिंता व्यक्त की गई। "झारखंड हिंदी साहित्य संस्कृति मंच" के अध्यक्ष,श्री कामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव (निरंकुश) एवं
"जीनाचाहताहूँमरनेकेबाद फाउंडेशनएकभारत" के चेयरमैन श्री राशदादाराश की उपस्थिति में कार्यक्रम ने सतरंगी आयाम प्राप्त किए। राँची से सूरज श्रीवास्तव एवं विनोद सिंह,पटना से "जीना" के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी दुर्गेश मोहन , दिल्ली से श्रीमती पूजा, बैंगलोर से आर राघवेन्द्र ने अपनी अपनी रचनाओं की अद्भुत प्रस्तुति दी।
जहां कार्यक्रम का संचालन श्री कामेश्वर निरंकुश ने किया, वहीं इस काव्य एवं विचारगोष्ठी की अध्यक्षता श्री राशदादाराश ने की। श्रीमती पूजा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के अंत में श्रीराशदादा ने बताया कि "जीनाचाहताहूँमरनेकेबाद फाउंडेशनएकभारत"
के द्वारा "जीना-हर-लम्हा" कार्यक्रम की कड़ी में ही आज का यह आयोजन निर्धारित रहा। हमारा मूल उद्देश्य है_ सामाजिक कुरीतियों एवं विषमताओं का उन्मूलन,जो शस्त्र से नहीं शास्त्र से ही संभव हो पाएगा। हमें इस दिशा में कार्य करते हुए, साहित्य को अधिकतम प्रखर करना होगा। हर युग में,उस युग के साहित्यकार की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। "जीना-हर-लम्हा" के अंतर्गत,सामाजिक जागृति का अलख जलाए रखेगा "जीना"। उक्त जानकारी समस्तीपुर के दूर्गेश मोहन द्वारा दी गई।
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