शीर्षक_भारतीय साहित्य गगन के चंद्र..
भारतीय साहित्य गगन के चंद्र,
काव्य जगत के आप हो हास।
वंदनीय हे शान्ति शिरोमणि,
नमो भक्त कवि तुलसीदास।
बांदा जिला,ग्राम राजापुर
तुझसे हुआ समुन्नत भाल।
मां हुलसी के पुत्र महाकवि,
आत्माराम पिता के लाल।
भारत के अभिमान जगत के
आप हैं कवि उज्ज्वल आदर्श।
नतमस्तक हो विश्व कह रहा,
धन्य धन्य हो भारत वर्ष।
आपमें भक्ति और श्रद्धा थी,
आपमें साधु भाव विश्वास।
आप हैं दैवी विभूति जग के,
सद्गुण सभी हैं आपके पास।
मुसलमान शासक ने बंदी कर,
आपकी की थी जांच।
राम भक्ति ने उस क्षण आप पर,
आने दी न जरा भी आंच।
दुर्गेश मोहन (शिक्षक)
चक वेदौलिया(समस्तीपुर)
बिहार
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