10/10/22

मां मुझे मानव बना...(सरस्वती वंदना) -मानस प्रवीण हेमन्त यादव



शीर्षक:-   सरस्वती वंदना

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वर्णादि छन्दादि भवानी

   सजग बना अरमानों को /


 मां मुझे मानव बना.

   करूं तेरी गुण गानो को //


माँ मै तुझसे ज्ञान मांगू

     ना मांगू हीरे मोती/


अज्ञान के अंधकार में

  भर दे शिक्षा की ज्योति//


शिक्षा की इह ज्योति में

 ज्ञान का प्रकाश हो /


प्रकाश मन कोकरें उज्जवल

सफल होने की आश हो//


मन में सद्बुद्धि दो माता 

कपट न मै अभिमान करूँ/


चरणों में शीष झुका के मां

मैं तेरी ही गुण गान करूं//


करता रहूँ अभ्यास सदा

 सफलता कीमंजिल पानेको


मन में हो इक कामना 

माँ ज्ञान दीप जलाने को//


सुन माँ विद्यादायनी

   सजग बना अरमानों को/


मन में हो इक कामना 

माँ तेरी गुण गान गाने को //


बटु भारती विद्या देवी

   सुन लीजै हेमन्त पुकार/


नमन वंदन स्वीकार कर

       माँ कर दो पूरी आश //


                 कवि

  मानस प्रवीण हेमन्त यादव

        जिला कोरिया   

        छत्तीसगढ़

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