फूलों ने कहा:- ममता सिंह राठौर
फूलों ने कहा हमसे
खामोश क्यों हो
तुम ऐसे
क्या जोड़ें हो दिल से
जो हँसी छीमें है होठों से
फूलों ने पूछा
फिर हमसे
क्या एक तन्हा हो तुम ऐसे
कभी पूछा है
तुमने हमसे
हम क्यों रहते हैं हरदम हंसते
कैसे लिपटे हैं कांटे हमसे
क्या हमको नहीं है यह चुभते
क्या शिकायत करूं मैं रब से
या रूठ जाऊ मैं खुद से
मैं तो कहती हूं काटों से
तुम हमसफर हो मेरे ऐसे
मेरी सांसे ,मेरा जीवन
मेरा हंसना ,मेरा खिलना सब है तुमसे
ममता सिंह राठौर
कानपुर ,गजियाबाद
हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. | हमारे यूट्यूब से जुड़ें |
सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें
यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।
कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com
सुख - दुःख में समानता रखने की सीख देती बेहतरीन कविता के लिए सहृदय बधाई साथ हीं नये साल की बहुत-बहुत मंगलकामना आदरणीया कवयित्री जी!
ReplyDelete