12/5/22

आरती करो शिव की...(आरती)-

 

आज एकादशी सार्थक हुई 

स्वरचित आरती


आरती करो शिव की ।

कि भोलेडमरु वाले की । 


हाथ इनके त्रिशूल सो हे ।

गले में भुजंग है डोले ।

बाएं अंग हिम सुंदरी वाला ।

रूप जिनका है निराला ।

कैसे कहे  महीमा इनकी ।

की भोले करुणाकर की ।


आरती करो शिव की ।

कि भोले डमरू वाले की ।


बम बम हृदय सेजो बोले ।

भोले बस उसी के होलें ।

पल भर में देते हैं वरदान ।

कुटिलता से सबकी अनजान ।

बात करें भस्मासुर की ।

कि भोले के भोलेपन की ।


आरती करो शिव की ।

कि भोले डमरू वाले की ।


चलो तुम एक दीप जलाओ ।

एक बेल पत्र उन्हें चढ़ाओ ।

अक्षत चंदन से तिलक लगाओ ।

धूप  नैवेद्य से पूजा कर लो ।

नहीं चाह इनको आडंबर की ।

भक्ति हो बस अंतर्मन की ।


आरती करो शिव की ।

कि भोले डमरू वाले की ।

इति शिव समर्पण

✍️ रश्मि मिश्रा

मध्यप्रदेश

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