ऐ वक्त, काश जो तुम मेरे होते! (हिंदी कविता)-प्रिया सिन्हा
😔"ऐ वक्त" !!⏰
ऐ वक्त ! !
काश जो तुम मेरे होते ;
फिर तो हम भी तेरे होते ;
होती जीवन में कुछ रौशनी ,
और दूर हमसे अंधेरे होते !
ऐ वक्त !!
इक मात्र तेरे इंतजार में ,
कितना कुछ गंवाया हमने ;
खो दिया बहुत कुछ हीं ,
ना कुछ भी पाया हमने !
ऐ वक्त !!
काश कि गमों के बादलों ने ,
असमय हमको ना घेरे होते ;
हम भी खिलकर-खुलकर जीते ,
जो तुमने हमको ना छेड़े होते !
ऐ वक्त !!
इक मात्र तेरे दुत्कार में ,
दर - दर की ठोकर खाया हमने ;
चलते रहें संघर्ष पथ पर फिर भी ,
ना खुद को जरा भी डिगाया हमने !
ऐ वक्त !!
काश जो तुमने जरूरत-ए- वक्त ,
हमसे अपनी नजरें ना फेरे होते ;
ना भटकते अंधियारी गलियों में ,
देखें हमने भी कुछेक सवेरे होते !
रचनाकार- प्रिया सिन्हा
(पूर्णियां, बिहार)
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