श्रीमद भगवत गीता की हर मनुष्य के जीवन से जुड़ी अनिवार्यता ।
हम जानते है और सुनते भी आए है कि श्रीमद भगवद्गीता हमारे लिए बहुत आवश्यक है। लेकिन क्यों ये जवाब हमारे पास नहीं है। हमे जो कहा जाता है वह सही मानकर हा में हा मिलाते हैं। लेकिन यह सिर्फ एक पुस्तक ही नही, कोई कवि से रचे गए संवाद नही है।
जिंदगी जिनका सही रास्ता भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को सही माध्यम बनाकर कहा है।
यह अपने आप में एक और सिर्फ एक चमत्कारिक घटना है जो युद्ध के मैदान में , लाखो सेनानी के बीच अर्जुन को जिंदगी की सही दिशा बताई गई हैं। वैसे अगर श्री कृष्ण
आज्ञा करते तो शायद अर्जुन इसे मानकर लड़ते, हार जीत का निर्णय बाद में होता। पर ऐसे समय पर ये सारी बातें कर के जिंदगी का सही मार्ग दिखाना ये अदभुत बात है। वैसे देखा जाए तो में खुद मानता हूं है में एक नही दो मां का बेटा हु। एक मां जिसने मुझे जन्म दिया और शारीरिक अवस्था प्रदान की। लेकिन श्रीमद भगवत गीता मेरी दूसरी मां हैं जिसने मुझे जिंदगी का सही मार्ग निर्देश किया। हर तकलीफ को सरलता से जितने की सोच दी। पूरे विश्व में कही भी किसी भी धर्म या संप्रदाय में ऐसा नहीं हुआ है कि ईश्वर ने खुद आकर मनुष्य का साथ दिया हो, और खुद कहा हो कि मैं ईश्वर हु।
श्री कृष्ण ही ऐसा अवतार हुए हैं कि जिन्हो ने ऐसी समझ एक काव्य के रूप में कही। टेलीविजन और गूगल के आज के समय में कोई भी जानकारी, कोई भी घटना का आंखों देखा हाल हम पा सकते है। उस समय जब युद्ध होने जा रहा था तब भी यह विद्या प्रत्यक्ष थी और संजय जी ने दिव्य दृष्टि से देखा और आज हम इसको जीवन में अपना सकते है। हरेक अध्याय का अपना महत्व है और जिंदगी के हर विषय का , हर समस्या का समाधान बताया है। जीवन का लक्ष्य और उसे प्राप्त करनेके उपाय और उस प्राप्ति में आती हुई समस्या का उपाय बताया है कि अगर मनुष्य इसको जीवन में अपनाए तो आनंदमय जीवन जी सकता है, द्वेष और अंहकार से परे होकर। जरूरत सिर्फ यही है कि हम बचपन से हमारे बच्चो को ये समझाए। और इसे जीवन में अपनाए। आज के समय में गुरु टीचर बने हे जो Career oriented approach रख के अभ्यास कराते हैं,
लेकिन श्री कृष्ण वो गुरु है जो charactor oriented approach दे कर जीना सिखाते है। एक अच्छा डॉक्टर, या एक अच्छा मैकेनिक अच्छा मनुष्य साबित ना हो ये career oriented approach का परिणाम है , लेकिन एक अच्छा मनुष्य अच्छा डॉक्टर साबित हो ये Charactor oriented approach का परिणाम होता है। ये सब परिणाम आजके समय में हमे नजर आ रहे हैं। लेकिन भगवत गीता पढ़ा हुआ मनुष्य अच्छा मनुष्य बनने का हर संभव प्रयास करेगा ये निश्चित है। इसकी वजह यही है कि भगवत गीता में श्री कृष्ण ने आश्वासन ही नहीं , बल्कि विश्वास दिलाया है कि जो उनकी शरण स्वीकार करेगा उसका उद्धार निश्चित है।
जय योगेश्वर।
राजेश (मुंबई)
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