3/15/23

महिला सशक्तिकरण और स्त्री विमर्श के नाम पर स्त्री के दैहिक खुलापन की मांग क्यों? :सिद्धेश्वर

 साहित्यिक समाचार - तेरे मेरे दिल की बात 

    महिला सशक्तिकरण और स्त्री विमर्श के नाम पर स्त्री के दैहिक खुलापन की मांग क्यों? :सिद्धेश्वर

            पटना! 15 /03//2023! "हंस द्वारा आयोजित साहित्य उत्सव में, ढेर सारे मुख्यधारा की लेखिकाओं ने  स्त्री विमर्श के नाम पर, साहित्य में खुलापन की मांग भी की  l स्त्री के दैहिक खुलापन को उन्होंने सही बतलाया l देह स्त्री का अपना है, वह चाहे उसे जैसे रखें, जैसे दिखलाएं l इसमें किसी की बंदिश बर्दाश्त नहीं l  दूसरी तरफ स्त्री लेखन में देह प्रदर्शन को भी उन्होंने नजायज नहीं बतलाया बल्कि उसे समाज का एक सच और समय के बदलते परिवेश का एक हिस्सा माना l उन लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि बड़े-बड़े शहरों में जो लिव इन रिलेशनशिप का प्रचलन चल पड़ा है, वह कहीं से भी नाजायज नहीं है बल्कि बदलते समय की मांग है l  भारतीय संस्कृति के लिए भले यह चिंता का विषय हो किंतु पूरे देश में इन बातों का कोई खास मायने भी नहीं रह गया है l ऐसे में क्या  महिला सशक्तिकरण की बात आज भी उसी तरह कायम रहनी चाहिए जो वर्षों से चली आ रही है ?



          भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वाधान में फेसबुक के अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका के पेज पर कवि कथाकार सिद्धेश्वर ने ऑनलाइन तेरे मेरे दिल की बात एपिसोड (16 ) में उपरोक्त उद्गार व्यक्त किया l उनकी यह चर्चा साहित्यिक,सांस्कृतिक एवं सामाजिक संदर्भों से जुड़ी हुई होती है l एक घंटे के इस लाइव  एपिसोड के भाग :16  में  " महिला सशक्तिकरण और हमारा समाज "  के  संदर्भ में उन्होंने विस्तार से आगे कहा कि -आज के सभ्य समाज में जो पति पत्नी का रिश्ता है, क्या उसमें भी आमूल परिवर्तन आने चाहिए l फैशन के रूप में आज की नारी जिस तरह का नंगापन को उभारने वाले वस्त्र पहन रही हैं, महिला सशक्तिकरण के नाम पर क्या उसे स्वीकार कर लेना चाहिए ? जब ये सारे अधिकार पुरुषों को प्राप्त है तो क्या नारी को भी वह समान अधिकार मिलना चाहिए ?

          "  तेरे मेरे दिल की बात " एपिसोड (16 )  में सिद्धेश्वर के  व्यक्त किए गए विचार पर, ऑनलाइन सवाल का जवाब देते हुए आज की खास मेहमान वरिष्ठ लेखिका डॉ सुधा पांडे ने कहा कि - समाज सेवा करके दिल को सुकून मिलता है । नारी सशक्तिकरण के लिए भी मैंने कई काम किए हैं l हमारी विद्वता की पहचान पहनावे से नहीं सोच से होती है । दहेज प्रथा को आज के नौजवान ही समाप्त कर सकते हैं ।अपने साथ काम कर रहे मित्रों से शादी कर के।आज हर क्षेत्र में लड़कियाँ आगे बढ़ रही है  वे खुले विचारों में पल रहीं हैं। नये परिवार को समझने में समय लगता है किन्तु मित्रों को इंसान पहले से ही समझा रहता है । दूसरी बात नारी ही नारी की दुश्मन है यह सोच कर अजीब लगता है ।अगर बहू को बेटी की तरह प्यार दे । सहेली बनकर रहे तो कहावत बदल जायेगी ।

     सपना चंद्रा ने कहा कि -जहांँ तक एक महिला होने के नाते महिला सशक्तिकरण को मैंने समझा है..वह यह है कि आज शिक्षा लगभग हर स्त्री को मिल रही है,अपवाद को हम बिषय नहीं बना सकते। पहले एक स्त्री को खुद के प्रति ईमानदार होना चाहिए.स्त्री ही स्त्री की पहली शत्रु भी है और हमदर्द भी।आजादी और सशक्तिकरण का अर्थ हमेशा अनुकरणीय होना चाहिए क्यूँकि जब हमारे बौद्धिक स्तर का समाज पर भी प्रभाव पड़ता है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हमें हमेशा स्वस्थ कदम उठाने चाहिए।आजादी का मतलब यह कतई नहीं है कि हम उसका अनुचित लाभ  उठाएँ l

     इनके अतिरिक्त , इंदु उपाध्याय,  विजय कुमारी मौर्य, एकलव्य केसरी, अपूर्व कुमार  ,राजेंद्र राज,, संतोष मालवीय, प्रियंका श्रीवास्तव शुभ्र,चैतन्य किरण,  शैलेंद्र सिंह, संतोष मालवीय,सुनील कुमार उपाध्याय,नीलम श्रीवास्तव आदि विचारकों ने भी अपने विचार रखे l

♦️🔷 प्रस्तुति : ऋचा वर्मा (सचिव)/  भारतीय युवा साहित्यकार परिषद 

नोट:- यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।


सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

  यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।

           सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें




कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें


यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

Email:- sahityaaajkal9@gmail.com  

नोट:- यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube चैनल से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

  यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।

           सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

         (Online/Offline दोनों सुविधा उपलब्ध)

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

 Email:- sahityaaajkal9@gmail.com  

धन्यवाद

हरे कृष्ण प्रकाश ( युवा कवि) 

(संस्थापक- साहित्य आजकल, साहित्य संसार) 



         

No comments:

Post a Comment