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शिष्ट विनोद पत्रिका के तत्वधान में आयोजित हुई पत्रकारिता दिवस पर एक सारस्वत आयोजन

  शिष्ट विनोद पत्रिका के तत्वधान में आयोजित हुई पत्रकारिता दिवस पर एक सारस्वत आयोजन।                                       

♦️ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने साहित्यिक पत्रकारिता को एक नई दिशा दी है!

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           पटना  :31/05/2023! शिष्ट विनोद पत्रिका के तत्वधान में, पत्रिका के संपादक एवं कथाकार अमरेंद्र कुमार सिंह ने पटना में " शिष्ट विनोद "  के कार्यालय  पर, एक सारस्वत  विचार गोष्ठी और कवि गोष्ठी का आयोजन किया l जिसका संचालन किया  अमरेंद्र कुमार सिंह और रवि श्रीवास्तव  ने  l इसी क्रम में अमरेंद्र कुमार सिंह की नवीन कथा कृति" पूरा सच " का लोकार्पण भी अतिथि  साहित्यकारों के हाथों सम्पन्न हुआ l

       पत्रकारिता दिवस पर आयोजित यह आयोजन कई मायने से महत्वपूर्ण रहा! " साहित्यिक पत्रकारिता पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया " का प्रभाव विषय पर जहां जमकर पक्ष विपक्ष में  चर्चा हुई , वहीं दूसरी तरफ सकारात्मक दिशा देती हुई एक काव्य संध्या का भी आयोजन किया गया l इस समारोह के संयोजक अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने साहित्यिक पत्रकारिता को एक नई दिशा दी है l वहीं पर कवि चित्रकार सिद्धेश्वर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कारण साहित्य सृजन से जुड़े हुए कई उपेक्षित रचनाकारों को,  खुला मंच मिला है, और पक्षपात पूर्ण एवं खेमेबाजी कर रही पत्रकारिता को, एक चुनौतीपूर्ण दिशा भी, जहां पर अब प्रिंट मीडिया पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हावी दिख रही है l जबकि विपक्ष में विचार रखते हुए कवि  घमंडी लाल ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने साहित्य में कचरा भर दिया है l इस कारण अब कोई सूरदास,कबीरदास या तुलसीदास या प्रेमचंद नहीं बन सकता l इसलिए हमें इसका विरोध करना चाहिए l जबकि अपने अध्यक्षीय टिप्पणी में सम्पादिका और लेखिका विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा कि समय के साथ हमें भी बदलना चाहिए l विज्ञान की प्रगति के कई आयाम रहे हैं l हमें उसका सकारात्मक रूप अख्तियार करना चाहिए l कोरोना काल के समय, अच्छा हो या बुरा , जितना अधिक साहित्य सृजन रचा गया, जितने साहित्यकारों के भीतर की वेदना और अभिव्यक्ति मुखर हुई, उतना प्रेमचंद युग में भी नहीं हुआ होगा  l विशिष्ट अतिथि गीतकार मधुरेश नारायण ने कहा कि यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ही है कि हम देश भर की खबरें अखबार छपते के पहले जान लेते हैं, उसमें सही समाचार होता है,कोई फेक समाचार नहीं  l

    मुख्य अतिथि कवि एमके मधु ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जो प्रभाव साहित्यिक पत्रकारिता पर पड़ा है, उसमें फायदा अधिक है और नुकसान कम l यह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ही देन है कि विभा रानी श्रीवास्तव जैसी महिला लेख्य मंजूषा के माध्यम से देशभर के साहित्यकारों को जोड़ रखी है तो दूसरी तरफ सिद्धेश्वर जैसे वरिष्ठ साहित्यकार कोरोना काल  में भी, अपने ऑनलाइन गोष्ठियों के माध्यम से, कई साहित्यकारों को डिप्रेशन से बचाया है, और नए साहित्यकारों के भीतर ऊर्जा पैदा किया है  l इन लोगों के तरह ही जैसे देशभर के  कई साहित्यकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का साहित्यिक सदुपयोग कर रहे हैं, और खेमेबाज़ी को तोड़ रहे हैं l

       डॉ सुधा सिन्हा ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने जीवन को बहुत सहज़ बना दिया है l डॉ सुधा पांडे ने कहा कि वह सोशल मीडिया ही है कि हम दूर बैठे अपने रिश्तेदारों से रूबरू हो लेते हैं l युवा कवयित्री राज प्रिया रानी ने कहा कि आज इलेक्ट्रॉनिक मीडिया  नए पुराने रचनाकारों के लिए खुला मंच बन गया हैl इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आम पाठकों को साहित्य से जोड़ने का काम किया है l

        उपरोक्त रचनाकारों के अतिरिक्त राजमणि मिश्र, अमृता सिंह,  सुनील कुमार,पांडेय अजय,नूतन सिन्हा,पूनम कतरियार, कमल किशोर कमल,सीमा रानी,शुभ चंद्र, नसीम अख्तर , रामनाथ सिंह आदि ने  भी अपने विचार रखे एवं  एक से बढ़कर एक कविताओं का पाठ किया और इस सारस्वत आयोजन को यादगार बना दिया l आगत अतिथि साहित्यकारों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन किया, अमरेंद्र कुमार सिंह ने l

🔷 प्रस्तुति : सिद्धेश्वर 


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हरे कृष्ण प्रकाश ( युवा कवि) 

(संस्थापक- साहित्य आजकल, साहित्य संसार)

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