6/6/23

ऐ जिंदगी, तू कितने रंग दिखाती है!(कविता):- हरे कृष्ण प्रकाश

ऐ जिंदगी, तू कितने रंग दिखाती है!(कविता):- हरे कृष्ण प्रकाश 

 शीर्षक:- "वक्त बदल जाएगा"

ऐ जिंदगी!

तू कितने रंग दिखाती है!!


कभी मुझको हंसाती तो कभी,

जी भर कर तू रुलाती है!

ऐ जिंदगी, आख़िर क्यों 

इतना मुझे तड़पाती है?


ऐ जिंदगी!

तू कितने रंग दिखाती है!!


सोचा अब वक्त बदल जाएगा,

सब कुछ अच्छा हो जाएगा!

आस लगाए बैठी मां के,

सपनों को हम पूरा कर पाएंगे!

पर क्यों हर बार मुझे झुकाती है?


ऐ जिंदगी!

तू कितने रंग दिखाती है!!


तेरे द्वारा हर खुशी और गम को,

सहज ही स्वीकार किया,

तेरे इशारों पर ही चलकर,

मैंने अपना सारा कार्य किया,

फिर क्यों मुझे इतना रुलाती है?


ऐ जिंदगी!

तू कितने रंग दिखाती है!!


अपने पिता का मैं सहारा हूं,

कइयों की आंखों का तारा हूं,

खुद संघर्ष पथ पर चल रहा,

जैसे एक नदियों की धारा हूं!

फिर क्यों न विजय दिलाती है?


ऐ जिंदगी!

तू कितने रंग दिखाती है!!


       ©®:- हरे कृष्ण प्रकाश

           (पूर्णियां, बिहार)

          संपर्क:- 7562026066

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

  यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।

           सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें




कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें


यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

Email:- sahityaaajkal9@gmail.com  

नोट:- यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube चैनल से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

  यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।

           सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

         (Online/Offline दोनों सुविधा उपलब्ध)

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।

 Email:- sahityaaajkal9@gmail.com  

धन्यवाद

हरे कृष्ण प्रकाश ( युवा कवि) 

(संस्थापक- साहित्य आजकल, साहित्य संसार)

2 comments:

  1. अतिसुंदर अप्रतिम रचना !

    ReplyDelete
  2. बहुत सुंदर मार्मिक सृजन ! हार्दिक बधाई आदरणीय ।

    ReplyDelete