बीपीएससी शिक्षक भर्ती चौथे चरण में डोमिसाइल लागू को ले एक्स प्लेटफार्म पर चला अभियान, कुछ ही घंटों में हुआ ट्रेंड!
बीपीएससी शिक्षक भर्ती चौथे चरण में डोमिसाइल लागू
को ले चला अभियान, कुछ ही घंटों में हुआ ट्रेंड
बिहार में बड़े ही व्यापाक पैमान पर शिक्षक बहाली की चौथी चरण आयोजित होने वाली है। इसमें रिक्तियों की संख्या भी अच्छी खासी रहने की संभावनायें हैं! वहीं शिक्षक अभ्यर्थीयों ने सरकार से पुनः डोमिसाइल नीति लागू करने को लेकर सोशल मिडिया के एक्स प्लेटफार्म पर अभियान चलाया। इस अभियान में हजारों बिहार के युवाओं ने सरकार से डोमिसाइल नीति पुनः लागू करने की मांग करते खूब ट्वीट किया। जिसके परिणामस्वरूप कुछ ही घंटो में डोमिसाइल मुद्दा ट्रेंड करने लगा।
यू तो बिहार सरकार लाखों की संख्या में बहाली निकाल रही है किन्तु यह देखा जा रहा है कि शिक्षक बहाली में काफी संख्या में बाहरी राज्य के लोग चयनित होकर शिक्षक बन गए हैं! अभ्यर्थीयों का कहना है कि सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है।
वहीं डोमिसाइल नीति लागू को ले अभियान में हुए हजारों ट्वीट में सरकार से "डोमिसाइल नहीं तो वोट नहीं" लिख कर पोस्ट किया ha रहा है। एक अभ्यर्थी हरे कृष्ण प्रकाश लिखते हैं कि बिहार बीपीएससी शिक्षक बहाली में कई प्रकार से गड़बड़ी हुई है जैसे आरक्षित वर्गों में भी बाहर के राज्यों से अभ्यर्थीयों का चयन होने का खुलासा आरटीआई के माध्यम से हुआ है, जो कि नियमानुसार सही नहीं है! सरकार बिहार के अभ्यर्थीयों से वोट लेती है तो नौकरी में पहली प्राथमिकता भी बिहारियों को मिलनी चाहिए! वहीं अभ्यर्थी रौशन कुमार लिखते हैं कि वोट दे बिहारी नौकरी करे बाहरी ये खेल नहीं चलेगा! डोमिसाइल नहीं होने से कई लोग फर्जीवाड़ा करने का काम किया है।
वहीं एक शिक्षक अभ्यर्थी अभय कुमार लिखते हैं कि कई राज्यों में जब बहाली आती है तो उन तमामा राज्यों में किसी न किसी प्रकार से डोमिसाइल नीति लागू रहती है तो फिर बिहार में क्यों सरकार इस तरह कर रही है। हम बिहार के बच्चों के साथ ये अन्याय हो रहा है। अतः डोमिसाइल नीति लागू करे!
अभ्यर्थी सत्यम कुमार सरकार से सवाल करते हुए लिखते हैं कि जब उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी विपक्ष में थे तभी डोमिसाइल की मांग करते थे परन्तु आज उपमुख्यमंत्री बन गए हैं तो डोमिसाइल क्यों नहीं लागू करते हैं आखिर मौन क्यों हैं? क्यों अभ्यर्थीयों के साथ अन्याय कर रहे हैं? कौशल चौधरी, सन्नी सिंह, जूही कुमारी, सतीश कुमार, निक्की चौधरी, समर, अभय चौधरी, अफजल खान, सहमून आजमी, श्मस तबरेज, विकास सिँह, ऋषिका शर्मा, सुभास कुमार सुचिता चौहान व हजारों अभ्यर्थी लिखते हैं कि बिहार के अभ्यर्थी दर दर की ठोकरें खा रहे हैं और मुख्यमंत्री साहब बाहरी राज्य के लोगों को नियुक्ति पत्र बाँट रहे हैं, ये कहाँ का न्याय है! नियमों को ताक पर रख शिक्षक बहाली में नियुक्ति हो रही है।
डोमिसाइल नहीं रहने की वजह से हजारों फर्जी बीपीएससी शिक्षक बहाल हो गए और दो वर्ष के बाद भी अब तक पकड़े जा रहे हैं सेवामुक्त भी हो रहे हैं। इससे हम बिहार के अभ्यर्थीयों का जीवन बर्बाद हुआ है। जब वोट हम बिहार की जनता देंगे तो शिक्षक बहाली की नियुक्ति पर पहला हक़ हम अभ्यर्थीयों का होना चाहिए! अतः सरकार बीपीएससी शिक्षक बहाली के चौथे चरण में डोमिसाइल लागू कर बिहार के युवाओं के साथ न्याय करे अन्यथा डोमिसाइल नहीं तो वोट नहीं देंगे!
Domicile lagu ho or sath me age relaxation ka mauka diya jay
ReplyDeleteNhi to vote nhi
Domicile must important in bihar state candidates for every examination as tre also
ReplyDeleteDomicile lagu hona chahiye
ReplyDeleteDomicile nhi to vote nhi
Bihar needs domicile
ReplyDeleteBihar me domisael nahi to bot nahi
ReplyDeleteDomicile ke stath age relaxation v do nahi to fir vote nahi .
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