टूट गया है एक तिनका :- अनुराग
लोकप्रिय साहित्यिक मंच साहित्य आजकल से आज के अंक में प्रकाशित रचना उत्तरप्रदेश के अनुराग पांडेय द्वारा बेहतरीन स्वरचित कविता "टूट गया एक तिनका" पढ़ते हैं। आज के तमाम युवाओं को इन पंक्तियों के भाव को आत्मासात करना चाहिए! इस कविता लिंक को जन जन तक शेयर करना न भूलें।
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शीर्षक - टूट गया है एक तिनका
टूट गया है एक तिनका उम्मीदों के पेड़ से
गिर गए कुछ अरमान बिखर कर टहनीयों से
पेड़ सलामत है मगर एक सूनापन हैकिनारा है मगर गीली है मिट्टी, लहरों से!
मन मार कर बैठा है आज एक सिकन्दरछोटी सी चूक सेलग रहा है खत्म हो रहा है एक ज़मानाउसी एक छोटी सी भूल से
रूठ कर, भूल कर यू ही बैठा है खुद सेअंधेरा कितना घना होगा ,तय होगा चांदनी की चमक से
माना ये मौसम है उदासी का पतझड़ सेमगर होगी फिर हरियाली,बस कोशिशों की बरसाती सावन से।।
अनुराग
( उत्तरप्रदेश )
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धन्यवाद :- साहित्य आजकल टीम
Nice
ReplyDeleteधन्यवाद
ReplyDeleteबहुत सुंदर 😊🌻
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