साहित्य आजकल द्वारा आयोजित "हम में है दम" कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। ज्ञात हो कि इस प्रतियोगिता कार्यक्रम में भाग लिए सभी रचनाकारों में जो विजयी होंगे उन्हें नगद पुरस्कार स्वरूप 101 रुपया, शील्ड कप और सम्मान पत्र उनके आवास पर भेज कर सम्मानित किया जाना है। इसी कार्यक्रम "हम में है दम" भाग-2 के निमित्त आज की यह रचना साहित्य आजकल के संस्थापक हरे कृष्ण प्रकाश के द्वारा प्रकाशित की जा रही है।
साहित्य आजकल व साहित्य संसार दोनों टीम की ओर से आप सभी रचनाकारों के लिए ढेरों शुभकामनाएं। यदि आप भी भाग लेना चाहते हैं तो टीम से सम्पर्क करें। आशा है नीचे सम्पूर्ण रचना आप जरूर पढ़ेंगे व कमेंट बॉक्स में कमेंट करेंगे
"छोड़ो नशा"
नशे से जिंदगी हो जाती है खफा,
बिगड़ जाती है शरीर की दशा।
होती है समाज की दुर्दशा,
इसलिए दोस्तों ! मत करो नशा।
मत करो नशा।
गांजा,भांग,अफीम,चरस,
खुशहाल जिंदगी को करते हैं बेरस।
बीड़ी,सिगरेट और शराब,
करते हैं हमारी छवि खराब।
रम की शीशी में लोग जाते हैं रम,
बनते हैं रोड पर दुर्घटना का कारन,
नशे की हालत में लड़कर,
आपस में झगड़कर,
खुद और दूसरे को देते हैं जखम,
बर्बाद करते हैं अपना और दूसरे का जीवन,
कई परिवारों को देते हैं गम।
चार दिन की जिंदगी में करो अच्छे काम,
मत हो बदनाम,
मत करो नशा पान।
मत करो नशा पान।
खुद की खरीदी गाड़ी में,
लोग अच्छा आॅयल डालते हैं,
अफ़सोस मगर बेशकीमती शरीर को,
नशे में ढालते हैं।
नशे से होती है हर प्रकार की क्षति,
नशे से मिलती नहीं अच्छी गति।
जिसको लग जाता है नशे का स्वाद,
वो खुद के साथ परिवार को कर देता है बर्बाद।
शारीरिक,आर्थिक मानसिक,सामाजिक हानि का कारण है नशा,
इसलिए दोस्तों ! सुधारो अपनी दशा,
और छोड़ो नशा।
सुधारो अपनी दशा,
और छोड़ो नशा।।🙏🙏
- अजय कुमार वर्मा
प्रवक्ता - सरदार पटेल स्मारक इण्टर कालेज लारपुर
अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश
हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. | हमारे यूट्यूब से जुड़ें |
सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें
👆👆
कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com
Whatsapp:- 7562026066
संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश (पूर्णियां, बिहार)
ईमेल- harekrishnaprakash72@gmail.com