Showing posts with label अशोक2. Show all posts
Showing posts with label अशोक2. Show all posts

7/31/22

चाहे बनी हो दीवारें लोहे की:-अशोक कुमार यादव मुंगेली


 कविता- लक्ष्य भेद

चाहे बनी हो दीवारें लोहे की,

जो हो चाहे अकाट्य अभेद।

मेरी प्रतिज्ञा दृढ़ संकल्पित है,

एक दिन करूंगा लक्ष्य भेद।।


रोक ना पायेगा कोई चुनौती,

क्षण-क्षण देता रहूंगा परीक्षा।

जीतने की भावना है दिल में,

अभी खत्म नहीं हुई इच्छा।।


मन कहता है तू कर्मवीर बन,

धीरे-धीरे ज्ञान का कर संचय।

समय को व्यर्थ ना बर्बाद कर,

एक दिन जीत मिलेगी निश्चय।।


आखिर डर तुझे किस बात की,

या तो भव्य जीत होगी या हार।

दोनों सूरत में तुम कुछ सीखोगे,

विद्या युद्ध के लिए हो जा तैयार।।


काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार,

त्याग दो तभी मिलेगा नवज्ञान।

गिरकर चढ़ोगे पर्वत शिखर पर,

उस दिन दुनिया करेगी सलाम।।


कवि- अशोक कुमार यादव मुंगेली, 

छत्तीसगढ़,(भारत)।

हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. |   हमारे यूट्यूब से जुड़ें   |

सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें

                                      👆👆                                

यदि आप अपना साक्षात्कार देना चाहते हैं तो आदरणीय यह साक्षात्कार देने हेतु साहित्य आजकल की आधिकारिक फॉर्म है। अतः इसे सही सही भरकर हरे कृष्ण प्रकाश के साथ अपना साक्षात्कार तिथि सुनिश्चित करवाएं।।
(Online/Offline दोनों सुविधा उपलब्ध)
  धन्यवाद:- *(साहित्य आजकल टीम)



 






 



यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।

कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com