साहित्य आजकल द्वारा आयोजित "हम में है दम" कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है। ज्ञात हो कि इस प्रतियोगिता कार्यक्रम में भाग लिए सभी रचनाकारों में जो विजयी होंगे उन्हें नगद पुरस्कार स्वरूप 101 रुपया, शील्ड कप और सम्मान पत्र उनके आवास पर भेज कर सम्मानित किया जाना है। इसी कार्यक्रम "हम में है दम" के निमित्त आज की यह रचना साहित्य आजकल के संस्थापक हरे कृष्ण प्रकाश के द्वारा प्रकाशित की जा रही है। साहित्य आजकल व साहित्य संसार दोनों टीम की ओर से आप सभी रचनाकारों के लिए ढेरों शुभकामनाएं। यदि आप भी भाग लेना चाहते हैं तो टीम से सम्पर्क करें। आशा है नीचे सम्पूर्ण रचना आप जरूर पढ़ेंगे व कमेंट बॉक्स में कमेंट करेंगे।
साहित्य आजकल प्रतियोगिता
विषय : मेरी प्यारी पुस्तक
विषय :- कविता (मौलिक अप्रकाशित रचना)
मेरी प्यारी पुस्तक
जिंदगी मेरी किताब बन गई
मेरी पढ़ाई का एक हिसाब बन गई
जिसको सुबह से लेकर शाम तक
लेकर फिरता हूं में मारा मारा
आज वो मेरे जीने का सामान बन गई
जिंदगी मेरी किताब बन गई
जन्म हुआ मेरा इन्ही किताबी दुनिया में
कई साल से कर रहा था मेहनत
जब हर्फ को लिखना सिखा
अ आ से लेकर ए बी सी डी सीखी
दुनिया कैसी है केसे लोग है यहां के
सब मतलबी दुनिया का पाठ पढ़ाया
कभी प्यार की बात कभी मूल धन का ज्ञान
सब इन्ही किताबी दुनिया ने सिखाया है
अपनी जिंदगी का सारा कच्चा चिट्ठा
आज मेने इन्ही किताबो से बनवाया है
रंग बिरंगी तितली से भरे हुए अभिनत रंग
ये किताब ही हमको
साहित्य की दुनिया में ले जाती है
सारी सृष्टि की ज्ञान की देवी पुस्तक को
में बारंबार प्रणाम करता हू
में बारंबार प्रणाम करता हूं!
कुलदीप सिंह रुहेला
सहारनपुर उत्तर प्रदेश
हमारे व्हाट्सएप से जुड़ें.. | हमारे यूट्यूब से जुड़ें |
सूचना:- साक्षात्कार देने हेतु यहाँ क्लिक करें
👆👆
यदि आप भी अपनी रचना प्रकाशित करवाना चाहते हैं या अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो टीम के इस Whatsapp न0- 7562026066 पर भेज कर सम्पर्क करें।
कवि सम्मेलन की वीडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
यदि आप कोई खबर या विज्ञापन देना चाहते हैं तो सम्पर्क करें।
Email:- sahityaaajkal9@gmail.com
Whatsapp:- 7562026066
संस्थापक:- हरे कृष्ण प्रकाश (पूर्णियां, बिहार)