सजीव प्राणी दुख पावे ,आऐ सुख बरसाऐ कान्हां !!
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खुशीया सब मनाऐ आज , जन्मे इस शुभ दिन कान्हां !
बाल रुप सुरत सुहानी , नैनन प्यारै लागै मनै कान्हां !
अनंत नाम पुकारत आप , सबके मन हदय बसतै कान्हां !
सजीव प्राणी दुख पावे , आऐ सुख बरसाऐ कान्हां !!
मधुर मीठी बजाऐ मुरली,बांसुरी धुन सुनाऐ कान्हां !
कलयुग आया अति भयंकर ,गोमात बचाऐ कान्हां !
बढ गया पाप इण भुमि पर , भस्म करनै आऐ कान्हां !
सजीव प्राणी दुख पावे ,आऐ सुख बरसाऐ कान्हां !!
आया कोरोना देश बर्बाद ,सृष्टी को संभाल कान्हां !
गरीबो के हुवै हाल बेहाल ,भुख प्यास बुझाऐ कान्हां !
रोग के आफत लोग मरे ,कोरोना को दफनाऐ कान्हां !
सजीव प्राणी दुख पावे ,आऐ सुख बरसाऐ कान्हां !!
कृत - मदन चारण देवका
बाडमेर राजस्थान
संचालक - शब्दार्थ टेलैंट प्लेटफार्म
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