ज़िन्दगी से शिकवा मेरी:- मानव दे
साहित्य आजकल टीम की ओर से बहुत ही शानदार रचना के लिए बहुत बहुत बधाई सह ढेरों शुभकामनाएं
ज़िन्दगी से शिकवा मेरी:- मानव दे
Sahitya Aajkal:- एक लोकप्रिय साहित्यिक मंच 👇💞 Sahitya Aajkal Youtube Channel link plz Subscribe Now ...💞👇Sahitya Aajkal Youtube से जुड़ने के लिए यहाँ click करें
ज़िन्दगी तुम, तो हो अनोखा,
हर लम्हा, जुदा रंग ओ किस्म,
तुम्हें बस मेरे यहीं कहना,
मत करो तुम यूं बदमाशी
मोहब्बत है जितना तुमसे,
उतना ही नफ़रत भी है,
तुम हो दोनों के काबिल,
बस तुम्हारा सूरत है प्यारा
तुमसे तो बाते, हरदम होती है,
इक रोज़, बिछड़ जाते है कई,
तुम्हे क्या बताऊं मै अब,
डर लगता है तुमसे बड़ा
आगे जितना जाता हूं,
बिछड़े डगर के याद आते है,
जिसमे चलकर आया मै आज,
वहीं राह के याद फिर क्यों आते है
तुम्हारा रूह मेने तो नहीं देखा,
बस एहसास किया तुम्हे तो,
शब दिन, शाम सहर बस एहसास
एहसास भरा है तुममें तो
क्या जाना मेंने अब तक,
सही से भला नहीं जान पाया,
अक्स है तुम्हारी काले,
उजाला कर भी दो अब ,
ए ज़िन्दगी
🌹🌹🌹
✍️ मानव दे
(असम,बोंगाईगांव)
पूर्वोत्तर राज्य
भाग लो इनाम जीतो कार्यक्रम की पूरी जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
आकाशवाणी से प्रसारित हरे कृष्ण प्रकाश की छः कविताएँ को सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें
कोरोना पर सबसे बेहतरीन कविता नीचे दी जा रही है जरूर सुनें👇👇👇👇👇👇
कोरोना कविता के लिए यहाँ click करें
यदि आप अपनी प्रस्तुति Sahitya Aajkal की Official Youtube से देना चाहते हैं तो अपनी रचना या वीडियो Whatsapp करें 7562026066
Youtube Channel link-- Sahitya Aajkal plz Subscribe Now
https://www.youtube.com/channel/UClgT-IA2azYIjv86gDYHXnA*साहित्य को आगे बढ़ाने के लिए साहित्य आजकल दृढ़संकल्पित होकर सभी रचनाकारों को अपनी प्रतिभा दुनियाँ के सामने लाने के लिए अवसर प्रदान करती है। यदि आप अपनी प्रस्तुति देना चाहते हैं तो अपनी काव्य वीडियो वाट्सएप करें- 7562026066*