Showing posts with label जिस धारा पर है अनेकों. Show all posts
Showing posts with label जिस धारा पर है अनेकों. Show all posts

1/26/20

है वतन प्यारा हमारा by- हरे कृष्ण प्रकाश

है वतन प्यारा हमारा- by:-हरे कृष्ण प्रकाश


   शीर्षक:- है वतन प्यारा हमारा*
   है वतन प्यारा हमारा
   है वतन प्यारा हमारा।।

   जिस धारा पर है अनेकों,
   महापुरुषों ने अवतार लिया,
   देश की आजादी के लिए,
   हँसते हँसते उसने अपने,
   नव यौवन को भी त्याग दिया।
  
   है वतन प्यारा हमारा 
   है वतन प्यारा हमारा।।

   जिसकी सुरक्षा की खातिर,
   एक बहन ने अपना भाई दिया,
   रख कलेजे पर पत्थर उसने,
   राखी को भी बॉडर पर भेजवा दिया।

   है वतन प्यारा हमारा 
   है वतन प्यारा हमारा।।

   जब जब मन धरा से ऊब गया 
   तो दहशत फैलाने की आशा लेकर,
   घुस गए तुम वतन हमारे,
   तब तब सैनिकों ने तुम्हे
   जन्नतों का ही राह दिखाएं।।

    है वतन प्यारा हमारा 
    है वतन प्यारा हमारा।।

   वीरांगनाओं के ही बदौलत,
   देश है आज यशस्वीवान बना, 
   सैनिकों के ही बदौलत
   सजते रोज अरमान हमारा।।

   है वतन प्यारा हमारा,  
   है वतन प्यारा हमारा।।

  🇮🇪🇮🇪जय हिंद जय भारत🇮🇪🇮🇪
                ✍️✍️हरे कृष्ण प्रकाश
                        (पूर्णियाँ,बिहार)