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9/26/21

तर्पण अर्पण जो करें, पाते हर आनंद :- योगिता चौरसिया "प्रेमा"5

 पितृपक्ष में पितरों को समर्पित..

विधा-कुण्डलिया


तर्पण अर्पण जो करें,  पाते हर आनंद ।

सुख होते संतति सभी, जीवन हो मकरंद ।।

जीवन हो मकरंद, यही तो शान बढ़ाते ।

होती है पहचान, सदा ये गोद खिलाते ।।

कहती प्रेमा आज , पितर कर जीवन अर्पण ।

देते हैं आशीष, करें सेवा अरु तर्पण ।।1!!


तर्पण करना चाहिए, अर्पण करके दान ।

पढ़ा लिखा हमको सदा, देते अपनी जान ।।

देते अपनी जान , करें न्योछावर जानो ।

रहते है कुर्बान, त्याग करते ये मानो ।।

कहती प्रेमा आज , दिखाते जीवन  दर्पण ।

जीवन सुखमय भोग, पितर का करते तर्पण।।2!!


तर्पण पितरों का करें, सजता जीवन रोज ।

देते आशीर्वाद हैं , पितर करायें भोज ।।

पितर करायें भोज, मिले जीवन सुख सारे ।

करें नेह बरसात, यही तो जग में प्यारे ।।

कहती प्रेमा आज, नेह का करते वर्षण ।

दिए हमें वरदान, करें जीवन में तर्पण ।।3!!


---स्वरचित/मौलिक

---योगिता चौरसिया "प्रेमा"

-------मंडला म.प्र.

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