जनरल विपिन रावत जी को अश्रुपूरित अंतिम विदाई
विधा------------गीत
🌹 **राम** 🌹
जिनके कंधो पर था,
सबकी रक्षा का भार ।
आज वही आए हैं ,
कंधो पे होके सवार ।।
जिनके आगे आने से,
दुश्मन भी घबराते थे ।
सुनकर उनके नाम आतंकी,
खुद ही डर जाते थे ।।
थर थर कांपे शत्रु,
सुनकर जिनका हुंकार ।
**आज वही आए हैं,कंधो पे होके सवार **
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हैं जांबाज सिपाही अपने,
देश के सब रखवाले ।
जल थल में लड़ने वाले या,
नभ में उड़ने वाले ।।
तीनो सेनाओं के थे,
एक वही आधार ।।
**आज वही आए हैं, कंधो पे होके सवार **
कर्तव्यों की बलि वेदी पर,
उनने प्राण गंवाया ।
दुर्घटना समझें इसको हम,
या साजिश का साया ।।
काल के आगे रावत जी,
आज गए हैं हार ।
**आज वही आए हैं, कंधो पे होके सवार **
नम है सब की आँखे,
रोते हैं भारत वासी ।
छाई चेहरे पर है,
सबकी आज उदासी ।।
भारत माता करती,
क्रंदन करूँण पुकार ।
**राम**कहे कुदरत का,
ये कैसा ब्यवहार ।।
**आज वही आए हैं, कंधो पे होके सवार **
✍️ रचयिता
रामसाय श्रीवास "राम"( छ ग )
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