शीर्षक:- सर झुकाने वाले बहुत हैं!
इस खूबसूरत धरा पर,
किसने पांव रखा,
कौन है, वह कौन है ?
हाँ जनाब, बोलो कौन है ?
सुना हूँ ईश्वर तो, हर देह में बसे हैं,
बाहर सन्नाटा फैला रहा कौन है ?
बाहर सन्नाटा फैला रहा कौन है ?
गांवों में तो खेती होती है,
ये मकई का मौसम है,
खेत पर जाने से, डराने वाला,
कौन है? वह कौन है ?
जी हुजूर बोलो कौन है ?
सुना है शहरों में लोग रहते हैं,
सड़कों पर भीड़ होती है,
घरों में बंद करने वाला कौन है ?
घरों में बंद करने वाला कौन है ?
इस खूबसूरत धरा पर,
किसने पांव रखा,
कौन है, वह कौन है ?
हाँ जनाब, बोलो कौन है ?
वक्त के साथ चलना सीखो,
अपने को कभी कभी,
खुद से तुम बदलना सीखो,
हरी भरी है यह धरती,
इसे वीरान करने वाला कौन है ?
इसे वीरान करने वाला कौन है ?
सुना है मन्दिर मस्जिद गिरजाघरों में,
सर झुकाने वाले बहुत हैं,
झेल रहा तन्हाई का आलम,
यह दिन, दिखलाने वाला कौन है ?
यह दिन, दिखलाने वाला कौन है ?
✍️ हरे कृष्ण प्रकाश
(युवा कवि)