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5/1/22

मुझे खामोशी में रहने दो:- सलोनी चावला



गज़ल :-    सलोनी चावला 

मुझे गीत नहीं सुनना कोई, मुझे खामोशी में रहने दो,

मत छेड़ो मेरे जज्बातों को, यह दफ्न हैं,दफ्न ही रहने दो। 


मुझे रोको न रोने से जग वालों, मुझे जी भर के रो लेने दो,

दिल में अरमान हैं सुलग रहे, वह आंसु नदी में बहने दो। 


मुझे पागल ना समझे कोई, मुझे आईने से बतियाने दो,

जब सुनने वाला कोई नहीं, तो खुद से ही खुद की कहने दो। 


जो दर्द है मेरी जिंदगी में, उस दर्द को राज़ ही रहने दो,

दर्द के कितने पन्ने खोलूं, यह उपन्यास है - बंद ही रहने दो। 


सुख दुख दो पहिये जीवन के, दोनों से यह रथिया चलने दो,

मुझे शिकवा नहीं कांटों से कोई, मुझे गम भी खुशी से सहने दो। 


                  रचयिता -  सलोनी चावला

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